आबकारी अधिकारी ने अपनी गर्दन बचाने के लिए रचा षडय़ंत्र, शराब तस्कर की जगह निर्दोष युवक को पहुंचा दिया जेल, ऐसे खुली पोल….
विभाग के सिपाहियों ने कहा कि आरोपी लटूरलाल तो गिरफ्तारी के बाद एक जनवरी की सुबह हिरासत से भाग गया था। जबकि निरीक्षक माधाराम अपने बयानों में सत्यनारायण बैरवा को ही लटूरलाल होना बता रहा है। निरीक्षक व सिपाहियों के बयानों में विरोधाभास होने से जिला आबकारी अधिकारी ने मामले को संदिग्ध माना है। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि निरीक्षक व सिपाहियों के बयानों में विरोधाभास है। ऐसे में मामले की जांच चल रही है। प्रकरण में सत्यनारायण बैरवा व लटूरलाल के बयान लिए जाएंगे। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
स्पीड से कोटा से बूंदी जा रही कार हाइवे पर 4 बार पलटी, दो युवकों की दर्दनाक मौत, दो युवतियों की हालत नाजुक
उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इधर, निर्दोष सत्यनारायण बैरवा ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक व जिला आबकारी अधिकारी को परिवाद पेश किया है। जिसमें आरोप लगाया है कि नैनवां आबकारी निरीक्षक व दो सिपाहियों ने उसे एक हजार रुपए का लालच देकर लटूरलाल बनाकर न्यायालय में पेश कर वापस छोड़ देने की बात कही थी।
घर लौट रहा बालक को कार ने कुचला, खून से सनी सड़क पर दोस्त पर भी चढ़ा दी गाड़ी
यह था मामला
आबकारी विभाग के नैनवां सीआई ने 31 दिसंबर को एनएच 148 डी पर गोठड़ा मोड़ से कचनारिया निवासी लटूरलाल मीना को अवैध शराब के 35 पव्वों के साथ पकड़ा था। आरोपी को नैनवां आबकारी कार्यालय में लाकर मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था। लटूरलाल के भाग जाने से बड़ानयागांव निवासी सत्यनारायण बैरवा को लटूरलाल बनाकर न्यायालय में पेश कर दिया। जो एक जनवरी से तीन जनवरी की शाम 6 बजे तक नैनवंा जेल में बंद रहा। निर्दोष के जेल से छूटते ही गड़बड़ी की पोल खुल गई।