इंस्टीट्यूट बना। एलन द्वारा न केवल साजन को पढ़ाई में मदद की गई, वरन उसे घर से लाने व ले जाने के लिए भी वाहन की व्यवस्था की गई। पढ़ाई के दौरान भी उसे
क्लास तक पहुंचाने व हर कदम पर सहारा दिया गया। नीट NEET काउसंलिंग में साजन को गर्वनमेन्ट मेडिकल कॉलेज बेतिया में एडमिशन मिला है।
पिता ने जमीन गिरवी रखी जन्म से ही दोनों पैरों से अक्षम साजन के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। पिता लाल बहादुर रॉय जेरोक्स की दुकान संचालित करते हैं। मां पुनीता देवी गृहिणी है। साजन ने बताया कि थोड़ी बहुत जमा पूंजी थी, वो पापा ने मेरे इलाज में लगा दी। बैसाखी की मदद से चल पाता हूं। 10वीं तक की पढ़ाई पापा ने जैसे तैसे प्राइवेट स्कूल में कराई।
एलन कोटा में सपोर्ट
सवन ने बताया कि एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में पढ़ाई के दौरान कई बार नर्वस हो
जाता था लेकिन फेकल्टीज ने मुझे मोटिवेट किया। रोजाना पढ़ाई के लिए हॉस्टल से
एलन तक आने-जाने के लिए संस्थान की ओर से वाहन सुविधा उपलब्ध कराई गई थी।
में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में प्रवेश लिया। प्रतिभा और पारिवारिक
परिस्थितियां देख शुल्क में छूट दी गई। इसी वर्ष 12वीं कक्षा के साथ नीट क्रेक
किया।
न्यूरोलॉजिस्ट बनने की चाह
सजन का कहना है कि अब एमबीबीएस करने के बाद न्यूरोलॉजी में एमबीबीएस mbbs करना चाहूंगा। शारीरिक रूप से अक्षम होने के कारण कई तरह की दिक्कतों का सामना तो करना पड़ता है लेकिन यदि मजबूत इरादें हो तो मंजिल दूर नहीं होती। एमबीबीएस के बाद न्यूरोलॉजी में पीजी करना चाहता हूं।
दिव्यांग साजन का हौसला और प्रयास है, जिससे वह मेडिकल कॉलेज medical college तक पहुंचा है। ऐसे स्टूडेंट्स अन्य के लिए भी प्रेरणा होते हैं। एलन ऐसे स्टूडेंट्स की मदद कर गौरवान्वित महसूस करता है। – नवीन माहेश्वरी, निदेशक, एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट