गर्भवती महिला भी चेक अप के लिए इधर उधर चक्कर काटती नजर आई। दिव्यांगों का कहना है कि सरकार के ऐसे आदेश है कि दिव्यांगों को चुनावी ड्यूटी से मुक्त रखा जाए। उसके बाद भी स्थानीय प्रशासन इस बात को मानने के लिए तैयार नही है। मेडिकल चेक अप के नाम पर दिव्यांगों को बार बार अस्पताल बुलाकर परेशान किया जा रहा है। अस्पताल में दिव्यांगों के लिए बैठने की व्यवस्था भी नही है। दिव्यांगों ने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाया कि जनरल आदमियों की तो चुनावी ड्यूटी केंसिल कर रहे है और दिव्यांगों की ड्यूटी लगा रहे है। ये कहा का न्याय है।