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रोडवेज व निजी बस मालिकों को लॉकडाउन से 60 दिनों में सवा करोड़ से ज्यादा की चपत

कोरोना-संकमण व लॉकडाउन को 60 दिन से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन कोटा-रावतभाटा मार्ग पर रोडवेज व निजी बसों का संचालन अभी भी शुरू नहीं हुआ है, जबकि प्रदेश में अन्य जिलों में आने व जाने के लिए रोडवेज बसों का संचालन शुरू हो गया है।

कोटाMay 25, 2020 / 11:57 am

Dilip

रोडवेज व निजी  बस मालिकों को लॉकडाउन से  60 दिनों में सवा करोड़ से ज्यादा की चपत

रोडवेज व निजी बस मालिकों को लॉकडाउन से 60 दिनों में सवा करोड़ से ज्यादा की चपत

रावतभाटा. कोरोना-संकमण व लॉकडाउन को 60 दिन से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन कोटा-रावतभाटा मार्ग पर रोडवेज व निजी बसों का संचालन अभी भी शुरू नहीं हुआ है, जबकि प्रदेश में अन्य जिलों में आने व जाने के लिए रोडवेज बसों का संचालन शुरू हो गया है। उधर बसों का संचालन नहीं होने से यात्रियों को अपने-अपने निजी वाहनों से कोटा व रावतभाटा की यात्रा करनी पड़ी है। कोटा रावतभाटा रुट पर लॉकडाउन से पहले 16 रोडवेज, 10 प्राइवेट बसों सहित अन्य जीप का संचालन होता था, जो अभी बंद है। उधर लॉकडाउन के कारण लगातार दो माह से बसों का संचलन नहीं होने से रोडवेज व प्राइवेट बस मालिकों को सवा करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
यदि कोटा रोडवेज डिपो के अधिकारियों की माने तो कोटा से रावतभाटा व रावतभाटा से कोटा के लिए 4 कोटा डिपो की बसें, 4 बसें चितौडग़ढ़, 2 ब्यावर, 2 अजमेर, 1 डिडवाना, 1 खेतड़ी, 1 टोंक व 1 प्रतापगढ़ डिपो की बस संचालित होती थी। इसके अलावा 10 निजी बसों का संचालन होता था। इनमें से कई बसें मध्यप्रदेश के सिगोली तक जाती थी लेकिन लॉकडाउन होने से उक्त बसें 21 मार्च से बंद पड़ी है। उक्त बसों का कोटा से सुबह करीब 4 बजे संचालन शुरू हो जाता था। सुबह सवा छह बजे बाद प्रत्येक घंटे में रोडवेज बस चलती थी।
यह थे हाल
रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि रोडवेज की प्रत्येक बस से प्रतिदिन 10 हजार रुपए के राजस्व की प्राप्ति होती थी। यानि 16 बसों से प्रतिदिन 1 लाख 60 हजार रुपए के राजस्व की प्राप्ति होती थी। दो माह 96 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति होती लेकिन लॉकडाउन के कारण उक्त राजस्व की प्राप्ति नहीं हो पाई। इसी तरह से प्राइवेट बस संचालक प्रतिदिन प्रति बस 6 हजार रुपए के राजस्व अर्जित करने की मान रहे हैं। यानि 10 बसों से प्र्रतिदिन 60 हजार रुपए के राजस्व की प्राप्ति हो रही थी। दो माह में 36 लाख रुपए के राजस्व की प्राप्ति होती, जो इस बार नहीं हो पाई। यानि प्राइवेट व निजी बसों को करीब 1 करोड़ 32 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।
अब भी नहीं दी बस संचालन की स्वीकृति
उधर रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार अन्य जिलों में सोशल डिस्टेस की पालना करते हुए बसों के संचालन छूट दी है लेकिन मुख्यालय ने अभी कोटा-रावतभाटा व रावतभाटा-कोटा के लिए बसों के संचालन की स्वीकृति नहीं दी है।
घर बैठे-बैठे 3 हजार रुपए का खर्चा
उधर प्राइवेट बस एसोसिएशन कोटा संभाग के वाइस प्रसिडेंट नोसिन खान का कहना है कि बसों का संचालन हो या नहीं हो लेकिन प्रति वाहन पर 3 हजार रुपए का रोज खर्चा होता है। इसमें वाहन का बीमा, फिटनेस, रोड टेक्स, चालक व खल्लासी का वेतन शामिल है, जो दो माह से जेब से भुगतना पड़ रहा है। इन सभी के बावजूद राज्य सरकार अप्रेल व मई का रोड टेक्स मांग रही है।
बसों से बेट्रियां सहित अन्य पाट्र्स चोरी
नोसिन खान का कहना है कि दो माह से बसें खड़ी हैं। कोरोना संक्रमण के कारण चालक व खल्लासी को ड्यूटी पर नहीं बुला सकते हंैं लेकिन खड़ी बसों से नशा करने वाले बेट्रियां सहित अन्य सामान चुराकर ले जाते हैं। इसके अलावा कई बसों के खड़े-खड़े टायर तक खराब हो गए हैं।
वर्जन
कोटा से रावतभाटा बसों का संचालन करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है जल्द ही आलाधिकारी स्वीकृति जारी करेेंगे। इसके बाद बसों का संचालन होगा।
सुधीर भाटी, पीआरओ, रोडवेज मुख्यालय, जयपुर

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