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कोटा दक्षिण महापौर को लिखित में बताना होगा कि वे किस पार्टी के पार्षद, महापौर हैं

कोटा दक्षिण महापौर राजीव अग्रवाल को अब लिखित में बताना होगा कि वह किसी पार्टी से महापौर हैं। महापौर के पत्र के बाद ही सरकार तय करेगी कि कोटा दक्षिण निगम में किस पार्टी का महापौर व बोर्ड है। उसके बाद इस निगम में प्रतिपक्ष नेता का भविष्य तय होगा।

कोटाMay 07, 2024 / 12:16 am

Deepak Sharma

कोटा दक्षिण नगर निगम

कोटा दक्षिण नगर निगम

कोटा दक्षिण महापौर राजीव अग्रवाल को अब लिखित में बताना होगा कि वह किसी पार्टी से महापौर हैं। महापौर के पत्र के बाद ही सरकार तय करेगी कि कोटा दक्षिण निगम में किस पार्टी का महापौर व बोर्ड है। उसके बाद इस निगम में प्रतिपक्ष नेता का भविष्य तय होगा।
स्थानीय निकाय विभाग (डीएलबी) ने कोटा दक्षिण आयुक्त को पत्र भेजकर इस निगम में किस पार्टी का महापौर है, इसकी लिखित में जानकारी देने को कहा है। इसके बाद आयुक्त ने अपनी टिप्पणी के साथ राज्य सरकार का पत्र भेज दिया है। पत्र में कहा कि महापौर लिखित में बताएं कि वे किस पार्टी के पार्षद और महापौर हैं। यह पत्र सोमवार को महापौर राजीव अग्रवाल को मिल गया है।
डीएलबी से मांगा था मार्गदर्शन
महापौर राजीव अग्रवाल लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसके चलते निगम में बोर्ड भाजपा का हो गया। ऐसे में भाजपा का प्रतिपक्ष नेता नहीं हो सकता। इसके बाद पार्षदों ने जिला कलक्टर व आयुक्त को ज्ञापन देकर कोटा दक्षिण निगम में बोर्ड की िस्थति व प्रतिपक्ष नेता की िस्थति स्पष्ट करने की मांग की थी। इसके बाद आयुक्त ने डीएलबी को पत्र लिखकर प्रतिपक्ष नेता के बारे में मार्गदर्शन मांगा था।
यह है नियम
निगम के जानकारों का कहना है कि नगर पालिका अधिनियम के तहत नगर निगम में जिस पार्टी का महापौर है, उस पार्टी का प्रतिपक्ष नेता नहीं हो सकता। कोटा दक्षिण निगम बोर्ड का गठन हुआ था, तब महापौर और उप महापौर कांग्रेस पार्टी के निर्वाचित हुए थे। राज्य सरकार ने भाजपा के प्रस्ताव पर विवेक राजवंशी को प्रतिपक्ष नेता बनाया था। महापौर भाजपा में शामिल होने के कारण अब प्रतिपक्ष में कांग्रेस को बैठना होगा। राज्य सरकार को महापौर का पत्र मिलने के बाद विधिक परीक्षण किया जाएगा।
कई पार्षद भाजपा में शामिल
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के एक दर्जन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए। कोटा दक्षिण निगम में संख्या बल के आधार पर बोर्ड अल्पमत में आ गया है। दो-तीन समितियों के अध्यक्ष भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। कोटा दक्षिण के कांग्रेस के पार्षद भले ही भाजपा में शामिल हो गए हों, लेकिन सरकारी रेकॉर्ड में अभी भी कांग्रेस पार्षद हैं।
आयुक्त के माध्यम से राज्य सरकार का पत्र मिला है। इसमें मुझसे पूछा है कि आप किस पार्टी से महापौर हैं। मैंने भाजपा की सदस्यता ले ली है। कल पत्र लिखकर जवाब दे दूंगा।
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