script

विधानसभा में गूंजा चंबल की नहरों का मामला, विधायक ने उठाया सवाल- ठेकेदार से क्यों नहीं वसूली 16 करोड़ की पेनल्टी

locationकोटाPublished: Jul 16, 2019 12:30:47 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

Chambal river canals, Rajasthan Assembly: चम्बल की नहरों का घटिया व धीमी गति से चल रहे मरम्मत कार्यों का मसला सोमवार को विधानसभा में गूंजा।

Headache being installed in the canals, water is not reaching the tail area

Headache being installed in the canals, water is not reaching the tail area

कोटा . चम्बल ( Chambal river ) की नहरों ( Chambal River Chambal ) में जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृत 1274 करोड़ की योजना के घटिया व धीमी गति से चल रहे मरम्मत कार्यों ( Chambal canals Construction Work ) का मसला सोमवार को विधानसभा ( rajasthan assembly ) में गूंजा। सदन में ठेकेदारों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर सरकार को घेरा। विधायक संदीप शर्मा ने प्रश्नकाल में नहरों के जीर्णोद्धार का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण नहरों का काम अटका पड़ा है। ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अधूरे कार्यों का खमियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें

NDRF ने तीस्ता नदी से कार निकालने से किया मना, नौसेना की मांगी मदद, बूंदी के युवकों का नहीं लगा सुराग



सदन में पहला प्रश्न ही नहरों के जीर्णोद्धारों को लेकर था। इस मुद्दे को लेकर सदस्यों ने सरकार को घेरा। सवालों से घिरे सिंचित क्षेत्र विकास मंत्री हरीश चौधरी ने आश्वस्त किया कि कोटा संभाग में नहरों के जीर्णोद्धार कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन कार्यों में जिस स्तर पर भी कमी रही है, उसमें दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें

बापू हम शर्मिंदा हैं, आपसे किए वादे आज भी फाइलों में जिंदा हैं, कोटा में भी विसर्जित हुई थी गांधी की अस्थियां



5.40 करोड़ की पेनल्टी वसूली
मंत्री ने प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि कार्य समय पर नहीं करने पर मैसर्स साईं कृपा कम्पनी पर 16 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई, जिसमें से 5.40 करोड़ की वसूली की जा चुकी है। बाद में उन्होंने न्यायालय से स्थगन ले लिया। मैसर्स साईं कृपा कम्पनी ने प्रथम चरण में पांच में से तीन कार्य अधूरे छोड़ दिए हैं तथा दूसरे चरण में दो कार्य आरम्भ ही नहीं किए। इन कार्यों के लिए 21 सितम्बर 2013 को कार्यादेश जारी किए गए तथा कार्यों को 36 माह में पूर्ण करना था।

यह भी पढ़ें

पुलिस और वन विभाग की खुफिया रणनीति पर ‘भेदियों’ ने फेरा पानी, टीम पहुंचने से पहले ही ट्रैक्टर-ट्रॉलियां ले भागे खनन माफिया



देरी का कारण बजरी संकट बताया
मंत्री ने बताया कि वर्ष 2012-13 में कोटा संभाग में चम्बल नहरों के जीर्णोद्धार कार्यों को पूर्ण करने के लिए 1274 करोड़ रुपए की कार्य योजना शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य संभाग क्षेत्र में कच्चे खाळों को पक्के खाळों में परिवर्तन कर अन्तिम छोर तक पानी पहुंचाना था। विगत पांच वर्षों में जिस गति से काम होना चाहिए, उस गति से नहीं होने का प्रमुख कारण बजरी की उपलब्धता समय पर नहीं होने सहित अन्य विभिन्न कारण रहे हैं।

BIG NEWS: अब राजस्थान में अपराधियों की कमर तोड़ते नजर आएंगे नौनिहाल, खाकी राज्यभर में तैयार करेगी स्टूडेंट पुलिस कैडेट्स

सरकार ने माना घटिया हुआ निर्माण
चौधरी ने बताया कि चम्बल नहरों के प्रथम चरण के जीर्णोद्धार कार्यों की गुणवत्ता सम्बन्धी शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच बाबत मुख्य अभियन्ता गुण नियंत्रण एवं सतर्कता जल संसाधन, राजस्थान जयपुर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। संवेदक को डिफेक्टिव कार्य तोड़कर पुन: किए जाने के लिए निर्देशित किया गया। संवेदक द्वारा एक पैकेज से सम्बन्धित डिफेक्टिव कार्य को दुरुस्त किया गया। शेष तीन पैकज में कार्य की गुणवत्ता निर्धारित मापदण्डों के अनुसार न होने एवं धीमी प्रगति के कारण अनुबन्ध की धारा 2 व 3 के तहत कार्रवाई करते हुए संवेदक के जोखिम एवं लागत पर गुणवत्ताहीन कार्य के पुनर्निर्माण को सम्मिलित करते हुए दूसरे संवेदक को कार्य आंवटित कर दिए गए हैं। दोषी पाए जाने पर एक कनिष्ठ अभियन्ता, एक सहायक अभियन्ता को निलम्बित किया गया तथा अधिशासी अभियन्ता को सीसीए नियम 16 के तहत आरोप पत्र कार्मिक विभाग को अग्रिम आवश्यक कार्यवाही के लिए भिजवाया गया।

ट्रेंडिंग वीडियो