script

36 लाख के मुआवजे का चेक देने के बदले मांग रहे थे ढाई लाख की घूस, सरकारी लिपिक को बचा लिया, सहअभियुक्त की जमानत खारिज

locationकोटाPublished: Oct 15, 2019 09:04:08 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

bribe किसान से मुआवजे की राशि का चेक देने की एवज में ढाई लाख रुपए की रिश्वत की मांग
 

कोटा. किसान से मुआवजे की राशि का चेक देने की एवज में ढाई लाख रुपए की रिश्वत की मांग करने के मामले में एसीबी द्वारा करीब चार वर्ष पूर्व आरोपी बनाए गए लिपिक के खिलाफ जिला कलक्टर से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने से एसीबी उसे आरोपी नहीं बना सकी।
एसीबी विशिष्ट न्यायालय ने इस मामले में केवल सहअभियुक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर ललित सोनी को आरोपी बनाया। न्यायालय ने इस मामले में मंगलवार को बचाव पक्ष के वकील की ओर से प्रस्तुत ललित सोनी की जमानत याचिका खारिज कर दी।

रामगंजमंडी क्षेत्र के नूरपुरा निवासी प्रहलाद मेघवाल ने 3 जुलाई 2015 को कोटा एसीबी में शिकायत दी थी कि आरोपी लिपिक गे्रड प्रथम ईश्वचंद दीक्षित एवं कंप्यूटर ऑपरेटर ललित सोनी उससे व सहपरिवादी अशोक मेघवाल से मुआवजे की राशि 36 लाख रुपए के चेक के एवज में ढाई लाख रुपए की रिश्वत की मांग की।
एसीबी ने सत्यापन करवाया, लेकिन शंका होने के कारण दोनों ने रिश्वत लेने से मना कर दिया। एसीबी ने उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच झालावाड़ एसीबी को सौंप दी।
एसीबी ने जांच में दोनों को दोषी माना, लेकिन चार वर्ष बीतने के बावजूद भी जिला कलक्टर की ओर से लिपिक ईश्वरचंद के खिलाफ अभियोजक स्वीकृति नहीं दी गई। ऐसे में एसीबी ने सहपरिवादी ललित सोनी के खिलाफ आरोप पत्र एसीबी विशिष्ट न्यायालय कोटा में प्रस्तुत किया। ललित सोनी की ओर से अधिवक्ता ने मंगलवार को जमानत याचिका प्रस्तुत की, जिसे विशिष्ट न्यायाधीश प्रमोद कुमार मलिक ने खारिज कर दी।

ट्रेंडिंग वीडियो