यूं समझे मामले को
अस्पताल में लोकल टेंडर के तहत जनरल आइटम की सप्लाई के लिए साल 2017 में ऑनलाइन निविदा जारी की थी। जिमसें मिलीभगत करके कई फु टकर आइटमों की रेट बाजार दर से अधिक स्वीकृत कर दी गई। मसलन लिक्विड शॉप विद डिस्पेंसर प्रति 200 एमएल की दर 135 रुपए अनुमोदित की। जबकि बाजार में इस लिक्विड शॉप का खुदरा मूल्य 85 से 100 रुपए है। अस्पताल प्रशासन ने रेट कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक सप्लायर फ र्म को जनवरी में वर्क ऑर्डर जारी कर दिए। फ र्म ने सेंट्रल लैब (माइक्रोबायलॉजी) व ब्लड बैंक में माल भी सप्लाई कर दिया। बिल में जीएसटी सहित 159 रुपए लगाकर पेश कर दिया।
इनका कहनालिक्विड शॉप अधिक दर पर सप्लाई की बात है तो इसका प्रकरण मेरे सामने आया है। इसकी दरों को लेकर सप्लायर से स्पष्टीकरण मांगा तो संबंधित फ र्म जवाब नहीं दे पाई। इस कारण भुगतान पर रोक लगाई है। सप्लायर ने भी एक पत्र दिया है। जिसमें जानबूझकर भुगतान रोकने की शिकायत की है। फि लहाल इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। आरसी दुबारा देखने के बाद ही टिप्पणी कर पाऊंगा।
डॉ. नवीन सक्सेना, अधीक्षक, एमबीएस अस्पताल ऑनलाइन दर में लिक्विड शॉप की एमआरपी कम है। हैंडवाश 185 एमएल की रेट 75 रुपए है। वहीं 215 एमएल की दर 85 रुपए। ये प्रोडक्ट 200 एमएल में नही आता। इसी तरह दूसरे हैंडवॉश की 200 एमएल की दर 99 रुपए है। नियमानुसार एमआरपी से ज्यादा चार्ज नहीं कर सकते। आरसी में इनकी दर ज्यादा अनुमोदित की गई। वही क्या खरीदा गया ये बिल में लिखा नहीं। बिल पर साइन नहीं किए तो आरोप लगा दिया।
अरविंद मित्तल, सप्लायर