script

अनन्त चतुर्दशी… एक दिन पहले पढ़ें कोटा के सबसे बड़े महोत्सव की सभी खबरें

locationकोटाPublished: Sep 24, 2018 12:59:12 am

Submitted by:

shailendra tiwari

…वह भी इतना कि खाने वाले थक जाएं,लेकिन भक्तों की प्रसाद वितरण की श्रद्धा कम नहीं होगी।

kota news

अनन्त चतुर्दशी… एक दिन पहले पढ़े कोटा के सबसे बड़े महोत्सव की सभी खबरें

कोटा. शहर में चारों और अनंत चतुर्दशी की धूम है। शोभा यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ है। 10 दिन अपने बाप्पा की सेवा करने के बाद अब लोग दुखी मन, लेकिन उत्साह से उन्हें विदाई दे रहे है।
शोभायात्रा की खबरें और तस्वीरें आप कोटा पत्रिका के डिजिटल एडिशन में कल की बजाय आज ही पढिय़े।
Anant Chaturdashi: ‘अनंत’ आस्था और उत्साह के बीच चले गजानंद

शोभायात्रा में खाने पीने का भी पूरा इंतजाम

कोटा अनंत चतुर्दशी शोाभा यात्रा में सिर्फ धर्म की ही बात नहीं होगी। मामला बाप्पा की विदाई का है तो हर तरह का एश्वर्य भी वहां होगा। बात है खाने पीने की तो भक्तों ने बाप्पा के शोभायात्रा मार्ग में खाने पीने का भी पूरा इंतजाम है। वह भी इतना कि खाने वाले थक जाएं,लेकिन भक्तों की प्रसाद वितरण की श्रद्धा कम नहीं होगी।
हलुवा, पूड़ी आलूबड़ों से स्वागतमार्ग में फूल-माला से तो स्वागत होगा ही, स्वादिष्ट महाप्रसादी से भी श्रद्धालुओं का स्वागत किया जाएगा। पूरे शोभा यात्रा मार्ग पर हर दस कदम पर खाने पीने का कोई ना कोई इंतजाम होगा ही। इसकी गणपति के भक्तों ने पूरी तैयारी की है। कहीं फल-मिष्ठान तो कहीं नमकीन श्रद्धालुओं को बांटा जाएगा। गंधीजी की पुल पर विनायक क्लब की ओर से 15 क्विंटल आटे से निर्मित पूड़ी, आलू की सब्जी व अचार खिलाया जाएगा। रामपुरा में रघुनाथ चौक में श्रीगणेश सेवा समिति की ओर से नगर सेठ के दरबार में 25 क्विंटल आलू से निर्मित करीब 2.50 लाख आलू बड़े वितरित किए जाएंगे। 1500 किलो सूजी का हलवा बांटा जाएगा। रामपुरा में श्री शक्ति मंडल की ओर से शोभायात्रा के दौरान 2800 किलो पकौड़ी, 1100 किलो पेठों का प्रसाद वितरित किया जाएगा।
जुलूस में बप्पा ने दिया बेटी बचाओ का संदेश…देखिए तस्वीरें

इसके अलावा भी अनेक स्थानों पर सुबह से ही भंडारों का आयोजन है। जिसमें लजीज भोजन श्रद्धालुओं को कराया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि यह सब आज ही हो रहा हो। इसका सिलसिला कुछ दिनों से चल रहा है। कुछ पांडालों में जहां शाम के प्रसाद में दही बाडे थे तो कहीं केसर की जलेबी और देशी घी का हलवा। धन धान्य के देवता के लिए उनका प्रसाद भी शहर में अनेक स्थानों पर चर्चा का विषय बनता रहा। कुछ पाडालों में दस दिन तक भंडारे चले। जिनमें हजारों लोगों ने प्रसादी ग्रहण की है।

ट्रेंडिंग वीडियो