टिड्डी दल को भगाने के लिए कृषि विभाग खड़ेे-खड़े बजाएगा थाली, न कीटनाशक न ही संसाधन
फसलों को मिनटों में चट करने वाले टिड्डी दल ने रावतभाटा में फिर हमला किया तो कृषि विभाग के पास सिवाए खड़े-खड़े थाली बजाने के दूसरा कोई तरीका नहीं है, क्योंकि टिड्डी दल को मारने के लिए विभाग के पास न तो कीटनाशक उपलब्ध है। न ही छिड़काव करने के साधन और न ही टिड्डी दल का पीछा करने के लिए कोई साधन है।
कोटा•Jun 01, 2020 / 04:32 pm•
Dilip
टिड्डी दल को भगाने के लिए कृषि विभाग खड़ेे-खड़े बजाएगा थाली, न कीटनाशक न ही संसाधन
रावतभाटा. फसलों को मिनटों में चट करने वाले टिड्डी दल ने रावतभाटा में फिर हमला किया तो कृषि विभाग के पास सिवाए खड़े-खड़े थाली बजाने के दूसरा कोई तरीका नहीं है, क्योंकि टिड्डी दल को मारने के लिए विभाग के पास न तो कीटनाशक उपलब्ध है। न ही छिड़काव करने के साधन और न ही टिड्डी दल का पीछा करने के लिए कोई साधन है।
रावतभाटा में पिछले सवा हफ्ते में टिड्डी दल दो बार हमला कर चुका है लेकिन दोनों बार ही ग्रामीणों व नगर पालिका ने कृषि विभाग का काफी सहयोग किया, जिससे समय रहते कृषि विभाग टिड्डी दल भागने में सफल हो जाता है। अन्यथा टिड्डी दल सब्जियों व वन्य क्षेत्र की हरियाली को नष्ट कर देता। टिड्डी दल ने पहला हमला 20 मई को बाडोलिया में किया था। इस दौरान किसानों व ग्रामीणों ने ढोल व थालियां बजाकर टिड्डी दल को भगा कर दिया। दूसरा हमला 28 मई की शाम को किया था। पूरे शहर में टिड्डियां ही टिड्डियां हो गई। टिड्डी दल ने हेवी वाटर, टाउनशिप व एनटीसी कॉलोनी में पड़ाव डाल दिया था। सहायक कृषि अधिकारी धनपाल सिंह ने नगर पालिका के सहयोग से दमकल के अन्दर भरे पानी में क्लोरोपायरी फोस कीटनाशक मिलाकर रातभर छिड़का कराया था, जिससे काफी टिड्डियां मर गई थी। बाकी कोटा भाग गई थी। टिड्डी दल ने रविवार को कोटा में हमला किया था। कोटा से भागने के बाद रावतभाटा में रुख किया था।
बेगू से आएगा कीटनाशक
यदि टिड्डी दल हमला कर देता तो कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के पास पीछा करने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है। टिड्डी दल का पीछा करने के लिए उसे अन्य विभाग या फिर स्थानीय लोगों से साधन मांगने पड़ेगा। फिर लोगों के सहयोग से थालियां व डीजे बजवाकर टिड्डी दल को भगाना पड़ेगा। फिर जहां टिड्डी दल पड़ाव डालेगा। बेगू कार्यालय से कीटनाशक मंगवाकर छिड़काव करवाना पड़ेगा।
स्प्रे मशीनें किसानों से पड़ेेगी मांगने
यदि नगर पालिका क्षेत्र में टिड्डियां हमला करती है तो नगर पालिका से सहयोग लेकर दमकल मेें कीटनाशक भरकर स्प्रे करना पड़ेगा। यदि ग्रामीण इलाकों मेंं हमला करती है तो किसानों से सहायता लेनी पड़ेगी। किसानों से ट्रैक्टर माउटेड स्प्रे, नेपसेक स्प्रे मशीन लेनी पड़ेगी। यदि फलोंं की खेती पर हमला करती है तो फू्रट स्प्रे मशीन किसानों से लेनी पड़ेगी। किन-किन किसानों पास कौन-कौन से मशीनें हैं। इसको विभाग की ओर से चिन्हित कर लिया है।
यह है रावतभाटा की स्थिति
वर्तमान मेें किसानों ने ग्रामीण इलाकों मेें सब्जियों की बुआई की है। इसमें बेगन, भिंडी, ककड़ी, तरककड़ी, तरबूजा, टमाटर सहित कई प्रकार क सब्जियां व फलों की बुआई है। साथ ही उपखंड वन्य क्षेत्र है। चारों तरफ पेड़ ही पेड़ है। टिड्डियां यदि हमला करती है तो सब्जियों के साथ-साथ पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाएगी।
वर्जन
टिड्डी दल का फिल्हाल रावतभाटा की तरफ रुख नहीं है। फिर भी जैसे ही पड़ाव डालेगी तो कीटनाशक का इंतजाम कर स्प्रे कर दिया जाएगा।
दिनेश जागा, उपनिदेशक, कृषि विस्तार, चितौडग़ढ़
Hindi News/ Kota / टिड्डी दल को भगाने के लिए कृषि विभाग खड़ेे-खड़े बजाएगा थाली, न कीटनाशक न ही संसाधन