गौरतलब है कि 5 हाथियों का दल चांग देवी मंदिर के आसपास भटकने के बाद बीती रात करीब 10-11 बजे ग्राम पंचायत भरतपुर पहुंच गया। इस दौरान पटपरिहाटोला के तीन घर को ढहा दिया और घरों का अनाज, महुआ सहित अन्य खाद्यान्न सामग्री चट कर गए। हाथियों द्वारा घर तोडऩे की खबर मिलने के बाद ग्रामीण भयभीत होकर अपना-अपना घर छोड़कर भागने लगे।
इसी बीच मामले की सूचना मिलने पर जनकपुर वनपरिक्षेत्र के स्टाफ पहुंचे और चोंगा लेकर गांव में मुनादी कराई। सुरक्षा के लिहाज से ग्रामीणों को अपना घर छोड़कर तत्काल पंचायत भवन, स्कूल व छात्रावास में पहुंचने की सलाह दी। इसके बाद ग्रामीण अपना घर छोड़कर आधी रात को चिह्नित स्थल पर पहुंचे।
यहां वन विभाग ने उनके रहने-खाने सहित अन्य व्यवस्था कराई थी। इस दौरान वन अमला लगातार हाथियों की निगरानी में डटा था। वहीं स्कूल-पंचायत भवन में रात गुजारने के बाद ग्रामीण सुबह अपने-अपने घर पहुंचे और अपना सामान समेटा।
हाथी प्रभावित गांव में पुलिस टीम पहुंची
ग्राम पंचायत भरतपुर के पटपरिहाटोला में जंगली हाथी दल द्वारा एक घर को तोडऩे के बाद गांव में हड़कंप मंच गया था। आसपास के ग्रामीण जंगली हाथियों को देखने पहुंचने लगे थे,
लेकिन वन व पुलिस बल ने ग्रामीणों को उधर जाने से सख्त मना कर दिया था। बावजूद कुछ ग्रामीण अधिकारियों की एक नहीं सुनी और हाथी देखने पहुंच लगेे। इससे वन व पुलिस बल ने सख्ती बरती और तत्काल पंचायत भवन, स्कूल-छात्रावास में जाने की समझाइश दी।
भगवानपुर लौटा दल, अब राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश करने की उम्मीद
जानकारी के अनुसार दो दिन पहले पांच हाथी का दल भगवानपुर चांगदेवी मंदिर के आस-पास विचरण कर रहा था और बीती रात भरतपुर पहुंचा था। इस दौरान ३ घर को तोडऩे के बाद सुबह सेमरिया होकर भगवानपुर जंगल पहुंच गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगली हाथी का दल गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान की ओर अपना रुख कर सकता है।
राष्ट्रीय उद्यान में पहुंचने के बाद गांव में दोबारा नहीं लौटेगा, क्योंकि उद्यान में हाथियों को पर्याप्त मात्रा में खाने को हरी पत्तियां मिल सकती है।