निर्वाचन आयोग ने प्रारंभिक जांच के बाद बिलासपुर से मेटाडोर में अंबिकापुर भेजी जा रही 800 पेटी शराब और गाड़ी की परमिट को अवैध माना है। इसे गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्जकर जांच का आदेश दिया है।
रविवार को सहायक आयुक्त आबकारी अधिकारी मंजूलता कसेर की उपस्थिति में कांग्र्रेसियों के सामने मेटाडोर से तिरपाल हटाया गया। शराब की बोतल को पेटियों से निकालकर जांच चालू हुई। गाड़ी पर एक-एक पाव वाली 800 पेटी शराब मिली। लेकिन शराब की बोतल पर छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी विभाग की हॉलमार्क वाली सील नहीं लगी थी।
शराब परिवहन के लिए जारी की गई परमिट भी आबकारी विभाग की जांच में फर्जी पाई गई है। प्रारंभिक जांच के आधार पर आबकारी विभाग ने शराब को अवैध माना है। जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की बात कही है। शनिवार की रात से ही इस मामले में कई नाटकीय बातें सामने आती रहीं हैं अंत में रविवार को कार्रवाई की गई है।
कांग्रेस का आरोप भाजपा की शराब
इधर, कांग्रेस का आरोप है कि शराब भाजपा की है। इसे चुनाव में बांटने के लिए अंबिकापुर पहुंचा जा रहा था। विधायक जयसिंह अग्रवाल का आरोप है कि गाड़ी बिलासपुर के वेलकम विसलरी से निकली थी। इसकी सूचना विधायक को उनके सूत्रों ने दी थी। विधायक का आरोप है कि गाड़ी का ड्राइवर थाने से भगा है। शराब को प्रशासनिक अफसरों की शह पर बांटा जा रहा है।
कटघोरा में पकड़ाई थी शराब लदी मेटाडोर
शनिवार की रात करीब नौ बजे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 111 पर कटघोरा मीरा टॉकीज के पास निर्वाचन आयोग की उडऩदस्ता टीम ने मेटाडोर को रोका था। ड्राइवर गाड़ी छोड़कर फरार हो गया था। आयोग की टीम ने मेटाडोर को कटघोरा थाने के हवाले कर दिया था। गाड़ी अभी पुलिस की अभिरक्षा में है। इस पर लोड शराब बिलासपुर की एक फैक्ट्री से कटघोरा के रास्ते अंबिकापुर भेजी जा रही थी।