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समीक्षा बैठक : कलेक्टर के इस निर्देश के बाद कई विभागों में मच गया हड़कंप, पढि़ए खबर…

locationकोरबाPublished: Feb 19, 2019 10:49:19 am

Submitted by:

Vasudev Yadav

– समीक्षा करते हुए सबसे पहले कलेक्टर किरण कौशल ने खनिज न्यास के निर्माण कार्यों की जानकारी मांगी

समीक्षा बैठक : कलेक्टर के इस निर्देश के बाद कई विभागों में मच गया हड़कंप, पढि़ए खबर...

समीक्षा बैठक : कलेक्टर के इस निर्देश के बाद कई विभागों में मच गया हड़कंप, पढि़ए खबर…

कोरबा. खनन क्षेत्र के बाहर डीएमएफ के जितने भी काम स्वीकृत थे या फिर २०-३० फीसदी काम हो सके थे। कलेक्टर ने इस निर्माण कार्यों को निरस्त करने के निर्देश दिया है। सोमवार को कलेक्टर टीएल की बैठक मेंं खनिज न्यास की समीक्षा कर रहीं थी। समीक्षा करते हुए सबसे पहले कलेक्टर किरण कौशल ने खनिज न्यास के निर्माण कार्यों की जानकारी मांगी। स्वीकृत लेकिन काम शुरू नहीं हुए ऐसे निर्माण कार्यों की सूची मांगी गई।
अलग-अलग एजेंसी के माध्यम से निर्माणाधीन कार्य जो कि खनन प्रभावित क्षेत्र से बाहर है। उसका ब्यौरा भी कलेक्टर ने लिया। कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिया कि ऐसे कार्य जो कि खनन प्रभावित क्षेत्र से बाहर स्वीकृत हैं उन सभी को निरस्त किया जाएं। वहीं ऐसे कार्य जो कि स्वीकृत के बाद २० या फिर ३० फीसदी ही हो सके थे। उनको भी तत्काल रोक लगाकर निरस्त करने को कहा गया। कलेक्टर के इस निर्देश के बाद कई विभागों में हड़कंप मच गया है।

75 फीसदी खनन प्रभावित क्षेत्र से बाहर कराए गए कार्य
डीएमएफ की पहली समिति ने खनिज न्यास की ७५ फीसदी राशि को गैर खनन क्षेत्र में स्वीकृत कराया गया था। जबकि २५ फीसदी ही राशि को खनन प्रभावित क्षेत्रों गांव में स्वीकृत कराया गया था। पूर्व की समिति ने कुदमुरा को भी खनन प्रभावित क्षेत्र मानकर कार्य स्वीकृत कराया गया। चुनाव से पहले नाराजगी दूर करने के लिए कटघोरा ब्लॉक के १३ गांव को आदर्श बनाने को स्वीकृति दी गई। लेकिन अब तक काम नही हो सका।

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कई विभाग ने अप्रारंभ को प्रारंभ बताया, अब लगा जोरदार झटका
नई सरकार के डीएमएफ के ऐसे कार्य जो कि शुरू नहीं हो सके थे। उनको रोक लगाने के निर्देश दिया गया था। जिसके बाद कई ऐसे विभाग थे जिन्होंने इस आदेश से बचने के लिए अप्रारंभ कार्य को प्रारंभ कराने का दावा कर दिया था। इसकी जानकारी कलेक्टर को हो चुकी थी। इसी वजह से ऐसे निर्माण जो महज शुरू या फिर २० से ३० फीसदी कराया गया था। उसको भी निरस्त करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए।

अब नई समिति का प्रशासन को इंतजार
अब प्रशासन को डीएमएफ की नई समिति का इंतजार है। पहले की त्रिवर्षीय समिति को सरकार ने भंग कर दिया था। सीएम के विधानसभा में घोषणा के तहत प्रभारी मंत्री जयसिंह नई समिति के अध्यक्ष होंगे। जबकि कलेक्टर सचिव होंगी। वहीं दो अन्य विधायक सहित कई विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे। जब तक नई समिति पुराने कार्यों को लेकर अपनी सहमति नहीं देगी, तब तक ये निर्माण रुके रहेंगे। ऐसे में अब नई समति का इंतजार जारी है।

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