छोड़ा काम तो बिगड़ेगी व्यवस्था
जिले में कुल ११८ संकुल हैं। जहां एक एक शिक्षक को संकुल समन्वयक की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जाती है। जिनका काम जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियांवयन से लेकर व्यवस्था संभालना होता है। प्रत्येक संकुल के अंतर्गन २० से ३० प्राथमिक व माध्यमिक शालाएं आते हैं। खासतौर पर बीईओ सीएसी पर कई तरह के कार्यों के लिए निर्भर रहते हैं। किसी भी तरह की जानकारी गणवेश, किताबों का वितरण आदि संकुलों के माध्यम से ही होता है। संकुल रिक्त होते हैं विभागीय अफसरों की मुश्किल बढ़ेगी।
डीईओ के खिलाफ विरोध का माहौल
विभाग में यह भी चर्चा है कि संकुल समन्वयकों को टीए, डीए पिछले दो वर्षों से अप्राप्त है। सारी अव्यवस्थाएं लंबे समय से चली आ रही हैं, लेकिन जिले में नवपदस्थ डीईओ सतीश पाण्डेय द्वारा शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए ली गई पहली ही मीटिंग के बाद एकजुट होकर अचानक इस्तीफे जैसा बड़ा फैसला ले लेना किसी के गले नहीं उतर रहा है। इसे कुछ लोग डीईओ के खिलाफ षणयंत्र के तौर पर भी देख रहे हैं।