कोरबा. दस रुपए की नोट लेकर एक किलो चिकन लेने मुड़ापार की दुकान पहुंचे इशाजी उस वक्त मुश्किल में फंस गए, जब पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया, उनसे पूछताछ की गई और उनकी चिकन को जब्त कर लिया गया। पूछताछ में इशाजी ने बताया कि उनके घर एक राजनीतिक पार्टी का कार्यकर्ता १० रुपए का नोट लेकन पहुंचा था। और दुकान का नाम बताते हुए कहा था कि नोट दिखाने से एक किलो चिकन मिल जाएगा। लेकिन इशाजी पुलिस की पकड़ में आने से परेशान हो गए। उन्होंने सोंचा भी नहीं था कि एक किलो चिकन के लिए कानूनी पचड़ा में पडऩा होगा।
10 रुपए की चिन्हित नोट से एक किलो चिकन बांटे जाने की खबर प्रकाशित होने के बाद निर्वाचन आयोग की उडऩदस्ता टीम ने शहर के चिकन और मटन दुकानों की जांच की। मुड़ापार और रानीरोड रोड की दुकान में छापामारी गई और १० की नोट से चिकन खरीदने आए लोगों को पकड़ लिया साथ ही दुकान से चिकन को भी जब्त कर लिया। इसके अलावा इन दुकानों से वो सूची भी जब्त की गई जिसमें दस के नोट के बदले चिकन खरीद कर ले जाने वालों का नाम था। आयोग की इस कार्रवाई के बाद दुकानदारों में हड़कंप की स्थिति मच गई और डरे दुकानदारों ने शटर डाउन कर दिया।
चुनावी समर में चिकन के दाम हुए 10 रुपए प्रति किलो, जी हां, नहीं हो रहा यकीन तो पढि़ए पूरी खबर.. दस रुपए का नोट बना टोकन, सीरियल नंबर लाईए, १२० रुपए का मुर्गा या मटन ले जाइए। शिर्षक से पत्रिका ने रविवार को एक स्टिंग खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद रविवार को आयोग की टीम हरकत में आई। कोतवाली, मानिकपुर और सीएसईबी चौकी की तीन टीमों ने चिकन दुकानों की जांच शुरू की। आयोग की उडऩदस्ता टीम दोपहर करीब एक बजे मुड़ापार स्थित सरदार चिकन सेंटर पहुंची।
दुकान की जांच की गई। संचालक से १० रुपए की सीरिज वाले छह नोट नोट को जब्त कर लिया। १० रुपए की नोट लेकर एक किलो चिकन लेने पहुंचे कुछ लोगों को पकड़ लिया। उनके चिकन को जब्त कर लिया। टीम ने संचालक का बयान दर्ज किया और नोटों के संबंध में पूछताछ की। संचालक व चिकन खरीदने आए लोग संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। पुलिस ने दुकानदार का बयान दर्ज किया। १० रुपए के चिन्हित नोट लेकर चिकन खरीदने आए लोगों से भी बयान लिया। मुड़ापार की दुकान से करीब आठ किलो चिकन आयोग की टीम ने जब्त किया। बयान दर्ज करने के बाद चिन्हित नोट लेकर खरीदी करने पहुंचे लोगों को सौंप दिया।
रानी रोड की दुकान में भी कार्रवाई
आयोग की टीम ने रोनी रोड पर स्थित एक और चिकन दुकान की जांच की। १० रुपए के चिन्हित नोट को जब्त किया। चिन्हित नोट से चिकन खरीदने करने आए कुछ लोगों को पकड़ लिया। चिकन को जब्त कर लिया। बयान दर्ज करने के बाद छोड़ा गया।
दे दिया सुपुर्दगी में
इस मामले में खास बात यह रही कि ग्राहक या वोटरों से चिकन का मांस तो जब्त कर लिया गया लेकिन उसे आयोग की टीम रखती कहां। ऐसे में उस मांस को संबंधित ग्राहक का बयान लेने के उसके ही सुपुर्दगी में दे दिया गया है। अब ग्राहक की परेशानी यह है कि उस चिकन को वह खाए या नहीं, कैसे संभाल कर रखे ये उसकी समझ में नहीं आ रहा है।
इसमें भी था कोड
चिकन वाले मामले में ये बातें भी सामने आई है कि दस के नोट के सीरियल में कुछ कोडिंग भी की गई थी ताकि जो झटका चिकन खाते हैं उनके लिए नोट अलग था जो हलाल वाला खाते हैं उनके लिए नोट और दुकान अलग थी।
-समाचार को संज्ञान में लेकर कार्रवाई की गई है। 183 किलो चिकन अलग-अलग दुकानों से जब्त किया गया है। दुकान के संचालकों ने स्वीकार किया है कि राजनीतिक दल के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए 10 के नोट को टोकन के रुप में दिए थे। एक व्यक्ति के माध्यम से चिकन बांटा जा रहा था- मो. कैसर अब्दुल हक कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी