मामला फरसगांव के पांडेआठगांव का है, जहां 15 अगस्त 2017 को सीईओ जनपद पंचायत ने ग्रामीणों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को जगरूक करने गांव पहुंचे थे। उन्होंने ग्रामीणों को स्वच्छता के लिए जागरूक तो किया ही साथ ही उन्होंने ग्रामीणों को उन्हीं के गांव की माटी की कसम खिलाते हुये यह कह डाला था कि शौचालय बनते ही पैसा जारी हो जाएगा।
दरअसल ग्रामीणों ने माटी की कसम खाने के चलते किसी ने बिना आनाकानी किये शौचालय जल्द से जल्द अपने पैसे व सहयोग से बनवा तो लिया। लेकिन जब शौचालय बन गये और लोग इसका उपयोग भी करने लगे। आज तक शौचालय निर्माण का पैसा नहीं मिलने से परेशान ग्रामीण आक्रोशित हो गये हैं।
ग्रामीण अनसुईया दीवान व सोभसिंह ने बताया कि यदि शासन-प्रशासन को हमें पैसा नहीं देना था तो हमें कसम क्यों खिलाया। हम लोगों ने उधारी लेकर शौचालय का निर्माण करवया। इस उम्मीदमें कि निर्माण होने के बाद हमें पैसा मिल जाएगा। ग्रामीण नोहर सिह पांडे ने बताया कि गांव में 100 से अधिक लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने खर्च पर शौचालय का निर्माण करवाया है।
जिन्हें नियमानुसार राशि जारी किया जाना है पर पंचायत से राशि मिलने को लेकर कुछ जानकारी नहीं होने की बात कही जा रही है। जनपद से भी राशि मिलने न मिलने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। लोग पैसे के लिए भटक रहे हैं। इसलिए कलक्टर जनदर्शन में आवेदन करने पहुंचे हैं।