scriptपढ़ाई कर रही 14 साल की बच्ची अचानक चली कोमा में, दानदाताओं की मदद से दो साल बाद आया होश, लेकिन.. | Kondagaon: 14 year old girl good health from coma | Patrika News

पढ़ाई कर रही 14 साल की बच्ची अचानक चली कोमा में, दानदाताओं की मदद से दो साल बाद आया होश, लेकिन..

locationकोंडागांवPublished: Feb 13, 2019 03:42:12 pm

जिसके उपरांत परिजन थक हारकर मरणावस्था पर रख घर पर ही इलाज कर रहे थे।

CG News

पढ़ाई कर रही 14 साल की बच्ची अचानक चली कोमा में, दानदाताओं की मदद से दो साल बाद आया होश, लेकिन..

केशकाल. मौत को मात देकर नया जीवन प्राप्त करने वाली 14 वर्षीय मंजू रजक का हाल-चाल जानने खंड शिक्षा अधिकारी इमेलसिंह बघेल और बीआरसी प्रकाश साहू उसके गृह ग्राम कोरकोटी पंहुचे जहां मंजू का स्वास्थ्य देखकर अधिकारी बहुत खुश हुए ।
मालूम हो कि दो वर्ष पत्रिका अखबार में लगातार मुहिम चलाने के बाद पूर्व धनोरा आश्रम में रहते हुए कक्षा 9वी में अपना अध्ययन कर रही थी मंजू। इसी दरमियान छोटी सी बीमारी के चलते एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गई। गरीब परिवार होने के कारण इलाज कराते कराते घर में रखे पूरा धन संपत्ति खत्म कर चुका था। जिसके उपरांत परिजन थक हारकर मरणावस्था पर रख घर पर ही इलाज कर रहे थे।
मंजू कई महीनों तक कोमा में ही थी। इसकी जानकारी जैसे ही पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव, वरिष्ठ पत्रकार कृष्णदत्त उपाध्याय, प्रकाश नाग, सेवा निवृत्त वन परिक्षेत्र अधिकारी आरपी नाग सभी मंजूू रजक के घर पहुंचे व सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मुहिम चलाया। जिससे दानदाताओं के द्वारा सहयोग राशि दिया गया और क्षेत्रीय विधायक संतराम नेताम ने बच्ची की गंभीर हालत से द्रवित होकर उसके जीवन रक्षा के लिए हर संभव पहल किया गया। जिसके चलते ही रायपुर एम्स में इलाज प्रारंभ हुआ। एक लंबे अंतराल तक उपचार चलते रहने के पश्चात मंजू को एक नया जीवन मिला और अब चलना फिरना कर पा रही है ।
परिवार वालों ने लगातार मंजू की देखभाल कर इलाज तो कर रहे हैं लेकिन वो अभी भी बोल नहीं पा रही है। जो उसके माता-पिता, परिवार के साथ शुभचिंतकों के लिए बहुत दुख और चिंता का विषय बना हुआ है। परिजनों को यह नहीं सूझ रहा है कि किस अस्पताल में इसके इस समस्या का उपचार हो पाएगा। जिससे कि मंजू जल्द बोलना भी शुरू कर दे।
वहीं बीईओ और बीआरसी ने पढ़ाई के बारे में पूछने पर मंजू ने इशारों इशारों में बताया कि मैं फिर से पढऩा चाहती हूं और आगे बढऩा चाहती हूं । बड़ी होकर गरीबों की मदद करना चाहती हूं। इन बातों को सुन अधिकारी काफी खुश हुए और भगवान से प्रार्थना करते हुए जल्द स्वास्थ्य ठीक होने की कामना की।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो