scriptभंगाराम देवी की कल लगेगी अदालत, देवी-देवताओं पर चलेगा केस, मिलती है गुनाहों की सजा | Here Bhangaram mai imposes court, good work gets promotions | Patrika News

भंगाराम देवी की कल लगेगी अदालत, देवी-देवताओं पर चलेगा केस, मिलती है गुनाहों की सजा

locationकोंडागांवPublished: Sep 07, 2018 11:19:17 am

Submitted by:

Badal Dewangan

देवी देवताओं का भी लगेगा अदालत भंगाराम माई सुनाएंगे फैसला, दरबार में देवी देवताओं के कार्यों का होगा लेखा-जोखा, 8 सितंबर को नौ परगना के देवी-देवता देंगे उपस्थिति

मिलती है गुनाहों की सजा

भंगाराम देवी की कल लगेगी अदालत, देवी-देवताओं पर चलेगा केस, मिलती है गुनाहों की सजा

केशकाल. केशकाल की तेलीन सती मांई मंदिर के समीप भंगाराम देवी दरबार पर क्षेत्र के देवी देवता का मेला लगेगा आदिम संस्कृति में कई व्यवस्थायें ऐसी है जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते जिन देवी देवताओं की पूरी आस्था के साथ पूजा अर्चना की जाती है उन्हीं देवी देवताओं को भक्तों की शिकायत के आधार पर सजा भी मिलती है।

अच्छे काम पर पदोन्नती व बुरा काम करने पर सजा मिलती है यहां
यहां पर देवी देवताओं से वर्ष भर में किये गये कार्यों का हिसाब किताब का पूरा लेखा-जोखा होता है। वहां पर देवी देवताओं को उनके ठीक कार्य नहीं करने पर उसे सजा सुनाई जाती है । जिस तरह से आमतौर पर शासकीय सेवक को निलंम्बन या बर्खास्तगी और गंभीर अक्षम्य अपराध पर सजाये मौत की सजा सुनाया जाता है उसी तरह यंहा देवी देवताओं को भी दोष सिद्ध होने पर अपराध अनुकूल सजा का सामना करना पडता है । जो देवताओं के कार्य ठीक रहने पर उसे उच्च कोटी का दर्जा दिया जाता है।

पहले छह शनिवार पूजा होती है और आखिरी शनिवार को जात्रा का आयोजन
यहां प्रति वर्ष भादो माह के कृष्णपक्ष के शनिवार के दिन भादो जातरा का आयोजन किया जाता है इस वर्ष भी 8 सितंबर को यह जात्रा लगेगा। बारह मोड़ो के सर्पीलाकार कहे जाने वाली घाटी के ऊपर देवी देवताओं का मेला लगेगा । जातरा के पहले छ: शनिवार को सेवा विशेष पूजा की जाती है और सातवें अंतिम शनिवार को जातरा का आयोजन होता है ।

इस अंतिम शनिवार को जातरा के दिवस क्षेत्र के नौ परगना के देवी देवता के अलावा पुजारी, सिरहा, गुनिया, मांझी, गायता मुखिया भी बड़ी संख्या में शामिल होते है । यह मेला शनिवार के दिन ही लगता है। क्षेत्र के विभिन्न देवी देवताओं का भंगाराम मांई के दरबार में अपनी हाजरी देना अनिवार्य होता है। जात्रा के दिन भंगाराम मांई के दरबार पर महिलाओं का आना प्रतिबंधित होता है।

मान्यता मिले बिना किसी भी नये देव की पूजा का प्रावधान नहीं है
सभी देवी देवताओं को फूल-पान सुपारी मुर्गा बकरा बकरी देकर प्रसन्न किया जाता है। वहीं भंगाराम मांई के मान्यता मिले बिना किसी भी नये देव की पूजा का प्रावधान नहीं है । वहीं पर महाराष्ट्र के डॉक्टर पठान देवता भी है जिन्हें डॉक्टर खान देवता कहा जाता हैए उन्हे भी प्रसन्न करने के लिए अण्डे दिये जाते है। देवी देवताओं के मेला में क्षेत्र व दूरदराज के लोग भी काफी संख्या में उपस्थित होते है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो