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जगदलपुर: महापौर ने पेश किया बजट, विपक्ष ने सदन में किया हंगामा

locationकोंडागांवPublished: Feb 16, 2019 04:31:35 pm

सत्तापक्ष कोरम भी पूरा नहीं कर सकी और अल्पमत में होने के कारण बजट पारित नहीं हो पाया

CG News

जगदलपुर: महापौर ने पेश किया बजट, विपक्ष ने सदन में किया हंगामा

जगदलपुर. महापौर जतीन जायसवाल शुक्रवार को तय समयानुसार दोपहर साढ़े 12 बजे अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया। उन्होंने इसमें गरीबों का बजट बताते हुए इसमें संपत्तिकर आधा, पार्कों की संद्धारण जैसी बातों को शामिल करने जैसी बात बताई। लेकिन जब विपक्ष की बारी आई तो उन्होंने सदन में हंगामा मचाते हुए इसे झूठ और फरेब का बजट बताते हुए वाक आउट कर दिया। वहीं इसके बाद बजट पास करने के लिए सत्तापक्ष कोरम भी पूरा नहीं कर सकी और अल्पमत में होने के कारण बजट पारित नहीं हो पाया। वहीं बजट में सांसद का नाम नहीं होने पर भी विपक्ष ने हंगामा मचाया। जिसके बाद महापौर ने इसे मिसप्रिंटिंग बताया।
अल्पमत के कारण बजट नहीं हो सका पास
दरअसल विपक्ष के वॉकआउट के बाद बजट पास कराने के लिए कम से कम तिहाई पार्षदों की मौजूदगी जरूरी थी। लेकिन अल्पमत वाली निकाय सरकार के खुद के पार्षद अनुपस्थित थे। हालांकि कांग्रेस के पास सिर्फ 14 पार्षद ही हैं। यही कारण है कि सदन में अल्पमत में होने के कारण महापौर चाह कर भी अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पास नही करा पाए।
महापौर राज्य सरकार को भेजेगा, वही तय करेगा
बजट पास नहीं हो पाने की दशा में अब महापौर इस बजट को सीधे राज्य सरकार को भेजेंगे। इसके बाद वहां से ही तय हो पाएगा की इस बजट पर आगे क्या होना है। या उनकी कितनी मांगों को पूरा किया जाता है या इसके हिसाब से राशि उपलब्ध कराई जाती है।
शहीदों को दी श्रद्धांजलि, लगे भारत माता व जय श्री राम के नारे
सदन की शुरूआत जम्मू कश्मीर के पुलवामा के आतंकी हमला में शहीद हुए जवानों को श्रृद्धांजलि देने के साथ की गई। सदन में पार्षदों ने दो मिनट का मौन धारण करने के बाद भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे लगाए। इसके बाद सदन की कार्रवाई शुरू की गई।

नगर निगम के दायित्व मुलभूत सुविधाओं पर ही होता है। शहर को एलइडी लाइट से लैस किया। हजारों मीटर नालियां बनाई। सब्जी मार्केट तैयार किया गया। अमृत योजना के तहत 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया। संपत्तिकर आधा और बीपीएल परिवारों को मुफ्त में पानी देने का प्रस्ताव लाया। भाजपा शासन में बढ़ाए हुए टैक्स को कम करने विपक्ष नहीं देना चाहती। एक प्रकार से वे नहीं चाहते की शहरवासियों और उसमें भी गरीब लोगों को फायदा हो। गरीबों के साथ सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही है।
जतीन जायसवाल, महापौर
नगर निगम की धारा 47 के तहत किसी भी विशेष प्रस्ताव को पारित कराने के लिए सदन में दो तिहाई बहुमत की होना आवश्यक होता है। महापौर द्वारा पेश किए बजट के दौरान भाजपा पार्षदों ने बहिगर्मन कर दिया। सदन में सिर्फ 11 कांग्रेसी ही मौजूद रहे इसमें बहुमत के लिए कोरम पूरा नहीं कर सके। इसलिए बजट को नियमों आधार पर अस्वीकृति किया गया।
शेषनारायण तिवारी, सभापति
चार साल से निगम सरकार के बजट को बहुमत से पास कराया। इसलिए की सत्तापक्ष यह न कह सके कि विपक्ष बहुमत का धौंस दिखाकर विकास का विरोध कर रहा है। लेकिन चार साल के कार्यकाल में 90 प्रतिशत काम पूरे नहीं किए हैं। जबकि संसाधन, फंड और साधन उपलब्ध थे। लेकिन अब जबकि राज्य सरकार ने डीएमएफटी फंड भी देने से मना कर दिया है ऐसे में यह बजट जनता को कर्ज में लादने जैसा बजट है।
संजय पांडे, नेता प्रतिपक्ष

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