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सपा-बसपा गठबंधन क्यो है फिरकापरस्त – दुष्यंत गौतम

locationकोलकाताPublished: Jan 15, 2019 11:26:33 pm

Submitted by:

Manoj Singh

सिद्धान्तों को ताक पर रख कर किया है गठबंधन, जनता करेगी खारिज-दुष्यंत
 

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सपा-बसपा गठबंधन क्यो है फिरकापरस्त – दुष्यंत गौतम

पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी नियुक्त किए गए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत कुमार गौतम ने मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन को स्वार्थी गठबंधन करार दिया। उन्होंने नीतिगत एक दूसरे के विरोधी दोनों दलों पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय करने का आरोप भी लगाया।
कोलकाता
पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी नियुक्त किए गए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत कुमार गौतम ने मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन को स्वार्थी गठबंधन करार दिया। उन्होंने नीतिगत एक दूसरे के विरोधी दोनों दलों पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय करने का आरोप भी लगाया।
सपा के पूर्व प्रमुख मुलायम सिंह और बसपा प्रमुख मायावती के बीच हुए गठबंधन का उदाहरण पेश करते हुए गौतम ने कहा कि दोनों दलों का यह गठबंधन स्वार्थी गठबंधन है। दोनों दल एक दूसरे के घोर विरोधी थे और इनके सिद्धान्तों से कोई संपर्क नहीं है। इसके बावजूद दोनों दल सिर्फ चुनाव जीतने के लिए एक हुए हैं। दोनों दलों के गठबंधन करने से उत्तर प्रदेश के लोगों खुद को वंचित अनुभव कर रहे हैं। वे 2019 के लोकसभा चुनाव में इस गठबंधन को खारिज कर देंगे। वे इस दिन यहां प्रदेश भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर पार्टी के अनुसूचित जाति सेल के अध्यक्ष अरुण हलदर भी उपस्थित थे। उन्होंने दावा किया कि एक समय मायावती ने कहा था कि वह कभी भी समाजवादी पार्टी के साथ हाथ नहीं मिलाएंगी। दूसरी ओर मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि वे कभी भी मायावती को अपनी बहन नहीं मानेंगे। इसके बावजूद दोनों गठबंधन कर अपने सिद्धान्तों के साथ अन्याय कर रहे हैं। गौतम ने कहा कि सपा, बसपा और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) राजनीतिक पार्टी नहीं है। ये सभी दल कुछ परिवारों की ओर से चलाए जा रहे हैं और ये अपनी कुर्सी बचाने के लिए भाजपा के खिलाफ एक हो रहे हैं। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बिना गठबंधन महत्व पर भी सवाल उठाया, जो प्रमुख पार्टी है। एक सवाल के जबाव में उन्होंने बताया कि अगर विपक्ष का भाजपा विरोधी गठबंधन होता है तो पार्टी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। सभी विपक्ष पार्टियां राज्यों में कमजोर हो गई हैं। इस लिए खुद को बचाने के लिए वे एकजुट हो कर भाजपा के खिलाफ चुनाव लडऩे की कोशिश कर रही हैं। इनका कोई सिद्धान्त नहीं है और न ही कोई नेता है। भाजपा तीन चुनाव हार गई, लेकिन अपने सिद्धांत को नहीं छोड़ा। देश की जनता भाजपा के बारे में सब कुछ जानती है। वह विपक्ष को खारिज कर देगी।

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