मालदह में राहुल गांधी के भाषण से पहले इसलिए भिड़े कांग्रेस कार्यकर्ता
कोलकाताPublished: Mar 24, 2019 05:39:05 pm
लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में शनिवार को मालदह उत्तर संसदीय क्षेत्र के चांचल में आयोजित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जनसभा से ठीक पहले पार्टी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और एक दूसरे पर कुर्सियां उठाकर फेंकने लगे।
मालदह में राहुल गांधी के भाषण से पहले इसलिए भिड़े कांग्रेस कार्यकर्ता
– प्रदेश के नेताओं के सामने फेंकी एक दूसरे पर कुर्सियां
कोलकाता.
लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में शनिवार को मालदह उत्तर संसदीय क्षेत्र के चांचल में आयोजित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जनसभा से ठीक पहले पार्टी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और एक दूसरे पर कुर्सियां उठाकर फेंकने लगे। शनिवार अपराहन जनसभा के मंच पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा, प्रदीप भट्टाचार्य, अधीर रंजन चौधरी जैसे शीर्ष नेता बैठे हुए थे और उनकी आंखो के सामने मैदान में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एक दूसरे से लड़ते नजर आए। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी के आगमन को केंद्र कर वहां वीवीआईपी और वीआईपी अतिथियों के लिए मैदान में अलग से कुर्सियां लगाई गई थीं जबकि बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। कार्यकर्ताओं ने वीआईपी व्यवस्था को देख भडक़ उठे। सभास्थल पर ही वे लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे। गुस्साए लोगों ने वहां रखी गई कुर्सियों को उठाकर फेंकने लगे। दूसरी ओर से वीवीआईपी साइड में रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कुर्सियां फेंक रहे दूसरे कार्यकर्ताओं पर भी हमले बोल दिया। देखते ही देखते हंगामा बढ़ गया। हालांकि प्रदेश के शीर्ष नेता लोगों को शांत रहने की अपील करते रहे। विकट परिस्थिति तब बन गई जब रैली की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस बीच-बचाव करने पहुंची तो कार्यकर्ता पुलिसकर्मियों को भी नहीं छोड़ा। शीर्ष नेता मंच से उतरकर कार्यकर्ताओं के बीच मैदान में पहुंचे जिसके बाद हालात को संभाला जा सका। अहम बात यह कि जब यह हंगामा हुआ तब राहुल गांधी सभा स्थल पर नहीं पहुंचे थे। पश्चिम बंगाल में राहुल की पहली जनसभा मालदह उत्तर संसदीय क्षेत्र में हुई है जहां से कांग्रेस की मौजूदा सांसद मौसम बेनजीर नूर सत्तारूढ़ तृणमूल का दामन थाम चुकी हैं। यही नहीं इस बार वह तृणमूल की उम्मीदवार भी हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य प्रशासन ने पहले राहुल की जनसभा को अनुमति नहीं दी थी लेकिन चुनाव आयोग के समक्ष आवेदन करने के बाद इसकी अनुमति मिली।