सूत्रों ने बताया कि 2010 में तत्कालीन वाममोर्चा सरकार ने न्यूटाउन-राजारहाट में पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु की स्मृति में संग्रहालय और शोध केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया था। इसके लिए तत्कालीन राज्य सरकार प्रस्तावित जमीन के अनुमोदन से संबंधित कागजात तैयार कर चुकी थी। 2011 में सत्ता परिवर्तन के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। माकपा शीर्ष नेतृत्व को इस बात की शिकायत थी कि जमीन की रकम ५ करोड़ रुपए चुकाने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस की सरकार उन्हें जमीन का मालिकाना नहीं सौंप रही है। इसे लेकर प्रदेश माकपा के वरिष्ठ नेता डॉ. सुजन चक्रवर्ती, पूर्व मंत्री तथा सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य और पूर्व विधायक रबीन देब ने विधानसभा का मानसून सत्र के दौरान
Chief Minister Mamata Banerjee से मुलाकात कर उक्त जमीन से जुड़ी समस्याओं को दूर कर माकपा के नाम जमीन का हस्तांतरण करने की अपील की थी।
सूत्रों ने बताया कि माकपा नेताओं के साथ मुलाकात में मुख्यमंत्री ने सकारात्मक सहयोग का भरोसा दिलाया था। इसे देखते हुए CMO ने ज्योति बसु सेन्टर फॉर स्टडीज एंड रिसर्च के लिए चिन्हित जमीन के Documents और Old Files निकालने का निर्देश हिडको को दिया है। साथ ही मामले का निष्पादन शीघ्र करने को भी कहा गया है।