पश्चिम बंगाल के जूट श्रमिकों के वेतन बढऩे के आसार
कोलकाताPublished: Feb 23, 2019 04:25:53 pm
पश्चिम बंगाल के जूट श्रमिकों के वेतन वृद्धि सहित अन्य मांगों पर शुक्रवार को श्रम मंत्री मलय घटक के कार्यालय में त्रिपक्षीय बैठक के दौरान चर्चा हुई। स्थायी और बदली श्रमिकों के वेतन में 26 रु. प्रतिदिन तथा नए श्रमिकों के वेतन में 30 रु. बढ़ाने का प्रस्ताव आया है।
पश्चिम बंगाल के जूट श्रमिकों के वेतन बढऩे के आसार
– श्रम मंत्री मलय घटक की उपस्थिति में त्रिपक्षीय बैठक में हुई चर्चा
कोलकाता. पश्चिम बंगाल के जूट श्रमिकों के वेतन वृद्धि सहित अन्य मांगों पर शुक्रवार को श्रम मंत्री मलय घटक के कार्यालय में त्रिपक्षीय बैठक के दौरान चर्चा हुई। स्थायी और बदली श्रमिकों के वेतन में 26 रु. प्रतिदिन तथा नए श्रमिकों के वेतन में 30 रु. बढ़ाने का प्रस्ताव आया है। जिस पर इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन (इजमा) ने विचार करने की मोहलत मांगी है। इस मुद्दे पर शुक्रवार को कोर्ई निर्णय नहीं हो सका। श्रम मंत्री ने इस मुद्दे पर किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए 26 फरवरी को अगली बैठक बुलाई है। उक्त बैठक में सभी पक्षों से ठोस और सकारात्मक सुझाव भी देने को कहा है। श्रम मंत्री घटक ने इस दिन फिर से जूट मिलों में 01 मार्च से प्रस्तावित बेमियादी हड़ताल का रास्ता छोडऩे का अनुरोध किया। जबकि वामपंथी श्रमिक संगठन सीटू के नेतृत्व में 21 विभिन्न यूनियन हड़ताल पर अडिग रहे। सीटू के प्रदेश महासचिव अनादि साहू सरीखे नेता का कहना है कि राज्य सरकार मिल मालिकों की भाषा में बात कर रही है। श्रमिकों का शोषण होने में वह मददगार साबित हो रही है। न्यूनतम 18,000 रु वेतन तथा 6,000 रु पेंशन की मांग से यूनियनें पीछे नहीं हटेंगी। त्रिपक्षीय बैठक में श्रम मंत्री के अलावा विधायक अर्जुन सिंह, राज्यसभा सांसद दोला सेन, सीटू के अनादि साहू, इंटक से गणेश सरकार, एनएफआईटीयू के लाल बाबू सिंह, एटक के देवाशीष दत्ता, एनएफजेडब्ल्यू के ज्योतिर्मय चटर्जी, एचएमएस के रामायण साव, टीयूसीसी के देवदास चटर्जी और यूटीयूसी के दिलीप भट्टाचार्य शामिल थे। जबकि इजमा की ओर से चेयरमैन मनीष पोद्दार, वाइस चेयरमैन राघव गुप्ता और आर.के. पोद्दार बैठक में शामिल हुए।