स्थानीय लोगों का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के राजनैतिक विवाद की वजह से गांव में दहशत का माहौल पसर गया है। घर की महिलाएं और बच्चे आतंकित हो गए हैं। सोमवार की सुबह घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने गांव की मुख्य सडक़ का घेराव कर घंटो प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि राजनैतिक कारणों की वजह से गांव में हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सजा दी जानी चाहिए।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार की देर रात अचानक इलाके में बमबाजी होने लगी और हवा में फायरिंग की गई। इसके अलावा कई दुकानों में तोडफ़ोड़ करने के साथ ही इलाके के कई घरों को निशाना बनाकर पथराव किया गया। देर रात घटी इस घटना की वजह से पूरी रात इलाके के लोगों ने दहशत में जाग-जागकर रात बिताई। सुबह होते ही वे रामनगर थाने गए और पुलिस प्रशासन से इस बारे में शिकायत दर्ज कराई। साथ ही देर रात घटनास्थल पर न पहुंचने का कारण जानना चाहा। घटना के विरोध में उन्होंने सडक़ जाम भी किया।
एक ओर जहां घटना को लेकर एक ओर भाजपा समर्थकों का दावा है कि इलाके के लोगों का भाजपा की ओर बढ़ते रूझान को देखते हुए तृणमूल समर्थकों ने इस घटना को अंजाम दिया है। वहीं तृणमूल समर्थक इसे भाजपा की दादागीरी बता रहे हैं। उनके अनुसार स्थानीय भाजपा समर्थक इस तरह से लोगों के मन में दहशत पैदा कर उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि स्थानीय लोगों ने इसके लिए दोनों ही पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया है। रामनगर थाने की ओर से इस घटना पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं मिली है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले शनिवार की देर रात स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय में तोडफ़ोड़ किए जाने का मामला सामने आया था।