script

त्रिस्तरीय पंचायतों को मिला निर्माण संबंधी अधिकार

locationकोलकाताPublished: Aug 19, 2017 10:46:00 pm

पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायतों को गृह निर्माण के लिए अनुमति देने का अधिकार मिल गया। राज्य विधानसभा ने शुक्रवार को इससे संबंधित पंचायत संशोधन

consutrucion

consutrucion

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायतों को गृह निर्माण के लिए अनुमति देने का अधिकार मिल गया। राज्य विधानसभा ने शुक्रवार को इससे संबंधित पंचायत संशोधन विधेयक-२०१७ को मंजूरी दे दी। फलस्वरूप हर पंचायत अपने इलाके में किसी भी प्रकार के वैध व्यवसाय चलाने के लिए उसका पंजीकरण कर सकती है।

राज्य सरकार की ओर से निर्धारित टोल और शुल्क के आधार पर निर्माण की अनुमति के लिए शुल्क निर्धारित कर सकती है। इस दिन सदन में विधेयक पर एक घंटे की चर्चा हुई। सत्तापक्ष और विपक्ष के करीब छह सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया। विधेयक पर जवाबी भाषण में पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि विधेयक के लागू होने पर राज्य की पंचायतों को अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत केवल १५० वर्गफुट प्लींथ एरिया और ६.५ मीटर ऊंचाई वाले किसी भी प्रकार का ढांचा या गृह निर्माण के लिए तकनीकी अनुमोदन एवं गृह निर्माण की अनुमति देने का अधिकार मिल गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विधेयक के माध्यम से पंचायत समितियों को भी इसके लिए अधिकृत किया है।

क्या मिला अधिकार
विधेयक के अनुसार पंचायत समितियां सरकार की ओर से निर्धारित शुल्क के अंतर्गत १५० से ३०० वर्गफुट और ६.५ मीटर ऊंचाई वाले निर्माण की अनुमति दे सकती है। कारण गांवों के लिए कोई विकास प्राधिकरण नहीं है। मंत्री ने कहा कि संशोधन विधेयक ने जिला परिषदों को भी ३०० वर्ग मीटर और १५ मीटर ऊंचाई वाले किसी भी निर्माण की अनुमति देने के लिए अधिकृत किया है।

क्या है नियम
मंत्री ने कहा कि जिला परिषद १५ मीटर से अधिक की ऊंचाई वाले किसी भी बिल्डिंग प्लान और उसके ढांचे को अनुमति देने से पहले उसकी जांच कर करने के बाद बिल्डिंग प्लान और एस्टीमेट पंचायत व ग्रामीण विभाग के अंतर्गत बिल्ंिडग कमेटी के समक्ष पेश करेगी। बिल्डिंग कमेटी इसकी जांच करने के बाद अनुमति की सिफारिश करेगी। आवेदक पंचायत के निर्णय से असंतुष्ट होने पर महकमा शासक या कलक्टर के समक्ष अपील कर सकता है।

ट्रेंडिंग वीडियो