सूत्रों के अनुसार अलीपुरदुआर शहर के लीचू तल्ला इलाके में रहने वाले किशोर के पिता रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी है। मां भी सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। 10वीं में 90 प्रतिशत अंक से पास होने के बाद ही अपने बच्चे को प्यार से मोबाइल फोन खरीद दिया था वहीं उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती हो गई थी। तब से वह पब्जी खेल में लगा रहता। रात-दिन किसी का भी ख्याल नहीं था। महालया के बाद वह नहाया तक नहीं, खाना भी एक-दो दिन बाद खाता है। वह भी बहुत कम। वह बंद कमरे में अंधेरे में रहता था।
हत्या की खबर ने कर दिया था विचलित पिता का कहना है कि काफी समझाने पर भी उस पर असर नहीं पड़ा। हाल ही में एक बच्चे ने अपने पिता की हत्या कर दी थी सिर्फ इसलिए कि पिता उसे पब्जी खेलने को मना कर रहे थे। यह खबर पढऩे के बाद ही हम सब काफी चिंतित हो गए। कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
चिकित्सक के पास भी ले गए थे बेटे को पिता ने बताया कि हम उसे चिकित्सक के पास भी ले गए थे, पर दवा नहीं खाता था। आखिरकार यह कदम उठाना पड़ा। अलीपुर जंक्शन के समाजसेवी विकास भौमिक ने बताया कि काफी प्रयास के बाद भी उसका पब्जी का नशा खत्म नहीं कर पाए। पिता ने आखिरकार अपने बच्चे को पब्जी खेल के नशे की लत खत्म करने के लिए कूचबिहार के एक सुधार गृह में भेजना पड़ा।