scriptकोलकाता दुर्गा पूजा परिक्रमा : पंडाल में दर्शाया मोबाइल टावर किस तरह ले रहे हैं पक्षियों की जान | Theme : How the mobile towers depicted in the pandal are killing birds | Patrika News

कोलकाता दुर्गा पूजा परिक्रमा : पंडाल में दर्शाया मोबाइल टावर किस तरह ले रहे हैं पक्षियों की जान

locationकोलकाताPublished: Oct 04, 2019 08:13:09 pm

Submitted by:

Jyoti Dubey

थीम : प्रकृति माता, स्थान : बेहला शाखेरबाजार (बडि़शा क्लब)
स्थापना : 1989, बजट : 40-50 लाख
कमेटी अध्यक्ष : सुदीप पोले, कलाकार : रिंटू दास

कोलकाता दुर्गा पूजा परिक्रमा : पंडाल में दर्शाया मोबाइल टावर किस तरह ले रहे हैं पक्षियों की जान

कोलकाता दुर्गा पूजा परिक्रमा : पंडाल में दर्शाया मोबाइल टावर किस तरह ले रहे हैं पक्षियों की जान

कोलकाता. आधुनिकता और आगे बढऩे की होड़ में हम इस तरह मशगूल हैं कि प्रकृति के अभिन्न अंग को धीरे-धीरे नष्ट करते जा रहे हैं। हमारे शौक व जरूरत की वजह से प्रकृति के सबसे प्यारे व अभिन्न तोहफे यानी पक्षियों की दिन-ब-दिन बलि चढ़ रही है और हमें इसकी भनक तक नहीं है। इसका बोध कराने के लिए ही बेहला के बडि़शा क्लब ने अपनी थीम ‘प्रकृति माता’ रखी है। जहां कलाकार रिंटू नस्कर ने पूजा पंडाल को दो हिस्सों में बांटा है। पूजा पंडाल का बाहरी हिस्सा जहां घरों में लगे 3जी, 4जी, 5जी के मोबाइल टावरों के रेडिएशन पक्षियों की जान ले रहे हैं।

वहीं पंडाल के अंदर प्रकृति माता के रूप में विराजी मां दुर्गा का विशाल कक्ष बनाया गया है। जहां पक्षियों ने मनुष्यों द्वारा रेडिएशन से बचने के लिए शरण ली है। यहां पूरे कक्ष को शीशे से घेरा गया है, जिसकी वजह से अंदर प्रवेश करते ही मां दुर्गा चारों दिशाओं में दिखाई दे रही हैं। ऊपरी हिस्से में प्रकृति माता ने अपने मासूम जीवों को रहने के लिए घड़ा रूपी बसेरा दिया है। जहां सैकड़ों पक्षियों ने नवजीवन पाया है। वहीं प्रकृति माता रूपी मां दुर्गा अस्त्रविहीन अपने गोद में कई पक्षियों को बिठाई हुई दिखाई दे रही हैं। दुर्गा को प्रकृति माता का रूप देने के लिए प्रतिमा को पूरी तरह काठ से बनाया गया है। थीम को आकर्षित बनाने के लिए लाइटिंग के साथ-साथ अलग-अलग म्यूजिक का इस्तेमाल भी किया गया है।

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