नहीं मिला है अभी तक कोई ऑर्डर
उदयन गुहा ने बताया कि मुझे कोई ऑर्डर नहीं मिला है। मुझे आयोग द्वारा पहले चेतावनी नहीं दी गई थी। भाजपा उम्मीदवार ने अनुरोध किया और आयोग ने जवाब दिया। मेरा आयोग से अनुरोध है कि अब मेरे और निसिथ प्रमाणिक के घर की तलाशी केंद्र और राज्य पुलिस द्वारा करायी जाये। मैं इसे स्वेच्छा से पेश करता हूं।
सारी परेशानी हो रही उदयन गुहा के कारण : निसिथ
आयोग को लिखे पत्र में निसिथ ने लिखा, ‘आप जानते हैं कि सारी परेशानी उदयन गुहा के कारण हो रही है। आचार संहिता लागू होने के बावजूद प्रशासन की अनुमति से जुलूस के दौरान दो बार मुझ पर हमला किया गया।’ इसी सिलसिले में उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनाव में अशांति का मुद्दा उठाया। उन्होंने लिखा कि चुनाव बाद ‘हिंसा’ पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में उदयन गुहा का नाम था। उनके नफरत भरे भाषण को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं और उदयन गुहा तृणमूल समर्थित उपद्रवियों को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा, ‘वह तृणमूल समर्थित उपद्रवियों के बीच नफरत फैलाने वाली बातें कहने के लिए मशहूर हैं।’ उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने दिनहाटा में तानाशाही कायम कर दी है। यदि मतदान के दौरान उनकी गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं रखा गया तो निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान कराना मुश्किल है।
निसिथ के पैरों के नीचे से खिसक गई है जमीन : उदयन
उदयन ने कहा, ‘दरअसल, उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है। यह समझकर अब ये सब बेबुनियाद शिकायतें कर रहे हैं।’ उन्होंने यहां तक कहा कि अगर उन्हें नजरबंद कर दिया जाए तो वोट के नतीजे से पता चल जाएगा कि कितना धान कितना चावल है। हालाँकि, आयोग ने उदयन गुहा की गतिविधि को नियंत्रित किया है। इस बीच पिछले दिनों बीरभूम के बेताज बादशाह अणुव्रत मंडल के आंदोलन को आयोग ने इस तरह व्यावहारिक रूप से नियंत्रित किया था।