घोड़मारा द्वीप का कुछ हिस्सा भारत तो कुछ बांग्लादेश में लगता है। यहीं दुनिया का सबसे बड़ा सदाबहार वन है, रॉयल बंगाल टाइगर, दुर्लभ किस्म की डॉल्फिनों और बेहद जहरीले सांपों के लिए भी सुंदरवन जाना जाता है।
बंगाल की खाड़ी से 30 किलोमीटर उत्तर में स्थित यह द्वीप डेल्टा के उन कई द्वीपों में से है जो समुद्रस्तर के लगातार ऊपर आने के कारण डूबता जा रहा है। वैज्ञानिक प्रदूषण की वजह से हो रहे जलवायु परिवर्तन को इसका दोषी मानते हैं। उनका कहना है कि नदी और तटीय इलाकों में कटाव, बाढ़, चक्रवात और हरे-भरे जंगलों के विनाश के कारण समुद्र का जलस्तर इन्हीं कुछ दशकों में तेजी से बढ़ा है। घोड़मारा का पड़ोसी द्वीप लोहाचारा पूरी तरह से डूब चुका है, जबकि एक पड़ोसी खासीमारा डूबने की कगार पर है।
कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी में लंबे समय से समुद्र विज्ञान में शोध कर रही शोधकर्ता सुगाता हाजरा के मुताबिक पिछले तीन दशकों में घोड़मारा द्वीप सिकुडक़र आधा हो गया है। यहां पर समुद्र का जलस्तर वैश्विक जलस्तर से ढाई सौ प्रतिशत तक ज्यादा पहुंच गया है। विश्व भर के तटीय इलाकों में समुद्र का स्तर 3.23 मिलीमीटर है तो इस द्वीप पर 8 मिलीमीटर है।