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अजब गजब सुंदरवन, जानिए क्यों डूबता जा रहा है यह द्वीप

locationकोलकाताPublished: Dec 27, 2018 06:38:49 pm

Submitted by:

Paritosh Dube

सदाबहार मैंग्रोव जंगलों से आबाद सुंदरवन पर प्रदूषण के कारण हो रहे जलवायु परिवर्तन का कुप्रभाव तेजी से पड़ रहा है। यूनेस्को की ओर से वैश्विक धरोहर घोषित किए गए सुंदरवन का घोड़मारा द्वीप समुद्र में डूबता जा रहा है। जिससे उसमें रहने वाले लोगों की समस्या बढ़ गई है।

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अजब गजब सुंदरवन, जानिए क्यों डूबता जा रहा है यह द्वीप

कोलकाता. सदाबहार मैंग्रोव जंगलों से आबाद सुंदरवन पर प्रदूषण के कारण हो रहे जलवायु परिवर्तन का कुप्रभाव तेजी से पड़ रहा है। यूनेस्को की ओर से वैश्विक धरोहर घोषित किए गए सुंदरवन का घोड़मारा द्वीप समुद्र में डूबता जा रहा है। जिससे उसमें रहने वाले लोगों की समस्या बढ़ गई है। कुछ दशकों में उनकी आबादी आधी हो गई है। वहां के निवासी शरणार्थियों का जीवन जीने को मजबूर हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक २० सदी के अंतिम दशक तक घोडमारा द्वीप और सागर द्वीप लगभग जुड़े हुए थे। दोनों द्वीपों के निवासी सहजता से कुछ मिनटों में एक से दूसरे द्वीप में आया जाया करते थे। वहीं अब स्थिति बदल गई है, कुशल तैराक भी सागर से घोड़मारा की दूरी तैरकर कम से कम 40 मिनट ले लेता है। दोनों द्वीपों के बीच बढ़ी दूरी की वजह घोड़मारा का डूबता जाना है।
समस्या को आंकड़ों के लिहाज से देखें तो घोड़मारा द्वीप की जमीन सन 1970 से अबतक घटकर आधी रह गई है। उस दौरान द्वीप 8.51 किलोमीटर में फैला हुआ था जो वर्ष 2012 में 4.43 किलोमीटर तक सिमट गया है। द्वीप के सिमटने के कारण रहवासियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। ७० के दशक में द्वीप की आबादी 40 हजार थी जो वर्ष 2001 कीं जनगणना में घटकर केवल 5 हजार रह गई और साल 2016 के जनगणना आंकड़ों के मुताबिक अब इस द्वीप पर महज 3 हजार लोग रहते हैं। समुद्र का जलस्तर तेजी से बढऩे की वजह से यहां के निवासी हर दिन सुनामी जैसे हालात में जीने को मजबूर हैं और यही वजह है कि वे सुरक्षित जगहों पर पलायन कर रहे हैं । यहां रहने वाले परिवार भी शरणार्थी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। पश्चिम बंगाल के सरकारी आंकड़ों के अनुसार द्वीप की 45 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे है। घरों के लगातार डूबने के कारण उनकी हालत और खराब होती जा रही है।
द्वीप निवासियों के मुताबिक पानी में डूबते जाने की वजह से उन्हें सिर्फ आर्थिक, मानसिक परेशानियां ही नहीं हैं उनके सामाजिक हालात भी बद से बदतर होते जा रहे हैं। द्वीप के के विवाह योग्य लडक़ों को लड़कियां नहीं मिल रही हैं क्योंकि कोई भी डूबते हुए द्वीप और खत्म होते घर के लडक़े को अपनी बेटी नहीं देना चाहता।
क्या है द्वीप के गायब होने का कारण
घोड़मारा द्वीप का कुछ हिस्सा भारत तो कुछ बांग्लादेश में लगता है। यहीं दुनिया का सबसे बड़ा सदाबहार वन है, रॉयल बंगाल टाइगर, दुर्लभ किस्म की डॉल्फिनों और बेहद जहरीले सांपों के लिए भी सुंदरवन जाना जाता है।
बंगाल की खाड़ी से 30 किलोमीटर उत्तर में स्थित यह द्वीप डेल्टा के उन कई द्वीपों में से है जो समुद्रस्तर के लगातार ऊपर आने के कारण डूबता जा रहा है। वैज्ञानिक प्रदूषण की वजह से हो रहे जलवायु परिवर्तन को इसका दोषी मानते हैं। उनका कहना है कि नदी और तटीय इलाकों में कटाव, बाढ़, चक्रवात और हरे-भरे जंगलों के विनाश के कारण समुद्र का जलस्तर इन्हीं कुछ दशकों में तेजी से बढ़ा है। घोड़मारा का पड़ोसी द्वीप लोहाचारा पूरी तरह से डूब चुका है, जबकि एक पड़ोसी खासीमारा डूबने की कगार पर है।
कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी में लंबे समय से समुद्र विज्ञान में शोध कर रही शोधकर्ता सुगाता हाजरा के मुताबिक पिछले तीन दशकों में घोड़मारा द्वीप सिकुडक़र आधा हो गया है। यहां पर समुद्र का जलस्तर वैश्विक जलस्तर से ढाई सौ प्रतिशत तक ज्यादा पहुंच गया है। विश्व भर के तटीय इलाकों में समुद्र का स्तर 3.23 मिलीमीटर है तो इस द्वीप पर 8 मिलीमीटर है।
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