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स्टिंगकांड: सुब्रत ने 3.5 लाख लेने की बात मानी

locationकोलकाताPublished: Aug 12, 2017 11:08:00 pm

नारद स्टिंगकाण्ड के आरोपी राज्य के पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने शुक्रवार को माना कि उन्होंने स्टिंगकर्ता मैथ्यू सैमुअल से साढ़े तीन

Subrata Mukherjee

Subrata Mukherjee

कोलकाता. नारद स्टिंगकाण्ड के आरोपी राज्य के पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने शुक्रवार को माना कि उन्होंने स्टिंगकर्ता मैथ्यू सैमुअल से साढ़े तीन लाख रुपए लिए थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुखर्जी को पूछताछ के लिए तलब किया था।

लगभग तीन घंटे तक सीजीओ कॉम्प्लेक्स में केन्द्रीय जांच एजेन्सी के अधिकारियों ने मुखर्जी से पूछताछ की। उनका बयान रिकार्ड किया। सूत्रों के अनुसार मुखर्जी ने साढ़े तीन लाख रुपए लेने की बात मानी है। उन्होंने बताया है कि मैथ्यू से उनका परिचय विधायक व कोलकाता नगर निगम के उपमेयर इकबाल अहमद ने करवाया था। ईडी के अधिकारियों ने उनसे उनके बैंक स्टेटमेन्ट और संपत्ति का ब्यौरा और कागजात मांगा है।


उन्हें जल्द सभी कागजात जमा करने को कहा गया है। जांच टीम के अधिकारी कागजात की जांच करेंगे। फिर जरूरत पडऩे मुखर्जी को पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा।

करेंगे जांच में सहयोग-सुब्रत
पूछताछ के बाद ईडी कार्यालय के बाहर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में मुखर्जी ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि उन्होंने अपने जवाब से जांच अधिकारियों को संतुष्ट किया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि उन्होंने जांच अधिकारियों को जांच में सहयोग की बात कही है। उन्हें जब बुलाया जाएगा वे हाजिर होंगे।


क्या है मामला
२०१६ में राज्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारद स्टिंग वीडियो सार्वजनिक हुआ था। स्टिंग वीडियो में तृणमूल कांग्रेस के १२ बड़े नेता (सांसद/मंत्री) और एक आईपीएस अधिकारी रिश्वत लेते दिख रहे हैं। मामले में सांसद सुल्तान अहमद, विधायक इकबाल अहमद, मेयर शोभन चटर्जी, मंत्री फिरहाद हकीम आदि से पूछताछ की जा चुकी है।

कॉलेज स्ट्रीट में सभा-जुलूस पर रोक: हाईकोर्ट का हस्तक्षेप से इंकार
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को साफ कहा कि कोलकाता पुलिस ने कॉलेज स्ट्रीट में सभा-जुलूस-प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने संबंधी जो नोटिस जारी किया है, हाईकोर्ट उसपर हस्तक्षेप नहीं करेगा। एक मानवाधिकार संगठन की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशीथा म्हात्रे की खंडपीठ ने कहा कि निचली अदालत ऐसे मामलों पर सुनवाई कर फैसला ले सकती है। इसलिए हाईकोर्ट इसपर हस्तक्षेप नहीं करेगा।

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