विभागीय अधिकारियों के मुताबिक वर्षा शक्ति योजना के पायलट प्रोजेक्ट के लिए दक्षिण २४ परगना को चुना गया है। जहां के दो गांवों में स्थित स्कूलों में वर्षा जल संग्रहित टैंक स्थापित कर उनकी जलराशि को सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों के सहारे प्रसंस्करित कर पेय योग्य बनाया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन से जाने माने वैज्ञानिक डॉ. एस पी गोन चौधरी जुड़े हुए हैं।
नए कानून बनाने पर विचार
केन्द्रीय भू-जल बोर्ड की रिपोर्ट के हवाले से राज्य जल संसाधन विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भू-जल दोहन रोकने के लिए पश्चिम बंगाल भूजल संसाधन (प्रबंधन, नियंत्रण एवं नियमन) अधिनियम-2005 पर्याप्त नहीं है। सरकार नए कानून बनाने पर विचार कर रही है।
केन्द्रीय भू-जल बोर्ड की रिपोर्ट के हवाले से राज्य जल संसाधन विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भू-जल दोहन रोकने के लिए पश्चिम बंगाल भूजल संसाधन (प्रबंधन, नियंत्रण एवं नियमन) अधिनियम-2005 पर्याप्त नहीं है। सरकार नए कानून बनाने पर विचार कर रही है।
सौर ऊर्जा व वर्षा जल से बदलेगी तस्वीर पानी की बर्बादी से बचना चाहिए। राज्य में जल्द ही वर्षा शक्ति योजना शुरू की जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के लिए दक्षिण 24 परगना को चुना गया है। इस नई योजना में सौर ऊर्जा का उपयोग कर वर्षा जल को पीने के योग्य बनाया जाएगा।
– ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल।