कोलकाता. भाजपा अधीर चौधरी की जगह सोमेन मित्रा को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के निर्णय को पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन या सीटों के तालमेल की रणनीति से जोड़ कर देख रही है। इसके साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि यदि अधीर रंजन चौधरी भाजपा में आते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा।
घोष ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कौन होगा और कब बदलेगा यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष बदले जाने से उन्हें लगता है कि कांग्रेस ने यह फैसला वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने की रणनीति के तहत किया है। कांग्रेस का यह फैसला तृणमूल कांग्रेस से उसके गठबंधन होने की ओर संकेत करता है।
वे इस दिन यहां प्रदेश भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से बाचतीत कर रहे थे। घोष ने दावा किया कि कांग्रेस हाई कमान ने सोमेन मित्रा को इसलिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया, ताकि तृणमूल कांग्रेस से गठबंधन करने में कोई अड़चन नहीं आए। एक सवाल के जवाब मेंघोष ने कहा कि अधीर चौधरी को कहां रहना है, इस बारे में फैसला करने का अधिकार उन्हीं के पास है। अगर वे भाजपा में शामिल होना चाहते हैं तो उनके लिए पार्टी का दरवाजा खुला है।
तृणमूल से गठजोड़ के विरोधी रहे हैं अधीर
अधीर रंजन चौधरी शुरू से ही तृणमूल कांग्रेस से गठबंधन या सीटों के तालमेल के सख्त विरोधी रहे हैं। वे तृणमूल कांगे्रस के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई तेज करने के लिए माकपा और उसके घटक दलों के साथ गठबंधन करने की वकालत करते हैं। दूसरी ओर सोमेन मित्र पिछले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रस से कांग्रेस में लौटे हैं। इससे पहले वे लम्बे समय तक बंगाल के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे और बीच में पार्टी छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वे डायमंड हार्बर संसदीय क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के सांसद रहे। लेकिन तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से अनबन होने के बाद मित्रा दोबारा कांग्रेस में लौट गए और पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय की पत्नी नैना बंद्योपाध्याय के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था और चुनाव हार गए थे।
अधीर रंजन चौधरी शुरू से ही तृणमूल कांग्रेस से गठबंधन या सीटों के तालमेल के सख्त विरोधी रहे हैं। वे तृणमूल कांगे्रस के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई तेज करने के लिए माकपा और उसके घटक दलों के साथ गठबंधन करने की वकालत करते हैं। दूसरी ओर सोमेन मित्र पिछले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रस से कांग्रेस में लौटे हैं। इससे पहले वे लम्बे समय तक बंगाल के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे और बीच में पार्टी छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वे डायमंड हार्बर संसदीय क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के सांसद रहे। लेकिन तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से अनबन होने के बाद मित्रा दोबारा कांग्रेस में लौट गए और पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय की पत्नी नैना बंद्योपाध्याय के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था और चुनाव हार गए थे।