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कोलकाता

मिलाद-उन-नबी: निकाला जुलूस

मोहब्बत का पैगाम फैलाने वाला जुलूस निकाला

कोलकाताNov 21, 2018 / 10:54 pm

Rabindra Rai

kolkata

मिलाद-उन-नबी: निकाला जुलूस

कोलकाता. कोलकाता समेत पूरे राज्य में बुधवार को मिलाद-उन-नबी यानी हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ मनाया गया। इस दौरान सभी जगह मोहब्बत का पैगाम फैलाने वाला जुलूस निकाला गया। इसमें बताया गया कि इस्लाम को फैलाने वाले मोहम्मद साहब ने पूरी दुनिया को मोहब्बत-ओ-अमन का पैगाम भेजा है। इस दौरान सभी जगह खुशियां देखी गईं। लोगों ने देश के लिए अमन व चैन की दुआ मांगी। इस मौके पर वार्ड नंबर 39 के केलाबागान में इम्तियाज मेमोरियल स्पोर्टिंग क्लब की ओर से मो. कमाल के नेतृत्व में कैंप लगाया गया, जहां पर विधायक स्मिता बक्सी, पूर्व विधायक संजय बक्सी, यासीर हैदर, सौम्य बक्सी, पार्षद हाजी मो. जसीमुद्दीन, तृणमूल नेता मनोज सिंह, तपन राय ने हिस्सा लिया।

ममता ने दी राज्यवासियों को मिलाद उन-नबी पर बधाई
कोलकाता.
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को लोगों को मिलाद उन-नबी पर बधाई देते हुए कहा कि पैगम्बर मोहम्मद का प्रेम की भावना मानवता की सेवा का उपदेश ‘हमारे जीवन को आनंद और खुशी से भरÓ दे। सोशल नेटवर्क ट्वीटर पर बुधवार को मुख्यमंत्री ने लिखा कि ”पैगम्बर मोहम्मद के जन्मदिन पर मिलाद उन-नबी की सभी को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं। पैगम्बर ने जो प्रेम की भावना, मानवता की सेवा, सहिष्णुता और सार्वभौमिक भाईचारा का उपदेश दिया वह हमारे जीवन को आनंद और खुशी से भर दे। उनके आदर्श और विचारों की प्रासंगिकता हमेशा रहेगी।

विचारों का संग्रह है पौराणिक कथाएं-देवदत्त
दिवंगत लेखक दशरथ पटेल की कृतियों की प्रदर्शनी की शुरुआत
कोलकाता. लेखक और पौराणिक कथाओं के विश्लेषक देवदत्त पटनायक ने बुधवार को कहा कि पौराणिक कथाएं केवल ईश्वर तक सीमित नहीं हैं बल्कि इसमें संकल्पनाएं और विचार मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक शहर सौंदर्यबोध खो चुके हैं जो कभी देश की धरोहर हुआ करती थी। पटनायक ने दिवंगत लेखक दशरथ पटेल की कृतियों की प्रदर्शनी की शुरुआत करते हुए संवाददाताओं से कहा कि पौराणिक कथाएं केवल ईश्वर के बारे में नहीं बल्कि संकल्पनाओं और विचारों को लेकर हैं। जब आप पौराणिक कथाओं (केवल ईश्वर को लेकर) के बारे में सोचते हैं तो यह हमारी शिक्षा की समस्या है। उन्होंने कहा कि कोई मानवीय समाज पौराणिक कथाओं के बिना अस्तित्व में नहीं रह सकता, भारत में हर आदिवासी समुदाय की अपनी पौराणिक कथा है। अगर आप इसका सम्मान लोगों की सच्चाई के रूप में करते हैं तो आप खुश रहेंगे। आप पौराणिक कथाओं की जितनी प्रशंसा करेंगे, आप उतने ही ज्यादा खुश होंगे

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