अब कांग्रेस ने भाजपा को केन्द्र की सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए राज्य स्तर पर विपक्षी गठबंधन का फंडा सुझाया है। पार्टी ने अगले साल होने वाले लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के अपने साथ होने का दावा भी किया।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों का महागठबंधन शब्द मीडिया
की देन है। विभिन्न विपक्षी राजनीतिक पार्टियां राज्य स्तर पर गठबंधन करेंगी, लेकिन लक्ष्य केन्द्र से मोदी सरकार को हटाना होगा। जिन राज्यों में कांग्रेस शक्तिशाली है वहां शायद हमें गंठबंधन की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन जिन राज्यों में कांग्रेस की शक्ति कम है वहां पार्टी सहयोगी की भूमिका निभाएंगी। वे इस दिन कोलकाता स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय विधान भवन में बोल रहे थे। संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष सोमेन मित्रा और पार्टी के सांसद प्रो. प्रदीप भट्टाचार्य भी उपस्थित थे। भाजपा विरोधी विपक्षी महागठबंधन की संभावनाओं का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि विभिन्न राज्यों में अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए विभिन्न विपक्षी पार्टियों में हमेशा प्रतिस्पर्धा होगी, इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन यह सोचना गलत है कि एसे विरोधाभास की स्थिति में समूचा विपक्ष बिखर जाएगा। ऐसा नहीं होगा। सारे आपसी मतभेद और वैचारिक विरोधों को भूला कर सभी विपक्षी दल देश के सिद्धान्तों के हित में भाजपा के खिलाफ एकजुट होंगे।
उन्होने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में या चुनाव के बाद मायावती का साथ मिलने का दावा भी किया। उन्होंने कहा कि मायावती ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जितनी सीटों की मांग की थी वो चुनावी गणित के लिए संभव नहीं था। इस लिए उक्त तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव में मायावती के साथ कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो सका। लेकिन उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी के प्रति उनकी आस्था है। इस लिए वे अगले मोर्चे में कांग्रेस के साथ अवश्य रहेंगी।