scriptराहत व बचाव कार्य से समझौता नहीं: ममता बनर्जी | No compromise with relief and rescue work: Mamata Banerjee | Patrika News

राहत व बचाव कार्य से समझौता नहीं: ममता बनर्जी

locationकोलकाताPublished: Aug 22, 2017 11:14:00 pm

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के बाढ़ पीडि़तों को राहत पहुंचाने में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने पर जोर दिया है

mamata banerjee

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मालदह. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के बाढ़ पीडि़तों को राहत पहुंचाने में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने पर जोर दिया है। मालदह में बाढ़ से उत्पन्न परिस्थितियों का जायजा लेने के क्रम में उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को इसके लिए सतर्क भी कर दिया है। उनके साथ शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम, मुख्य सचिव मलय दे, पुलिस महानिदेशक सुरजीत कर पुरकायस्थ समेत जिला प्रशासन के अधिकारी भी थे।

पुनर्वास का दिया भरोसा
मुख्यमंत्री ने इस दिन तीन जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में कहा कि सरकार बाढ़ पीडि़तों की सहायता में हर पल साथ रहेगी। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि बाढ़ से जिन लोगों का घर ढह गया है, सरकार उन परिवारों को पुनर्वास की व्यवस्था करेगी।


पीडि़तों की ली सुध
मुख्यमंत्री ने सोमवार सुबह मालदह जाने के रास्ते राष्ट्रीय राजमार्ग-३४ पर अपनी कार रुकवा कर जलमग्न सडक़ों पर उतर पड़ीं। आसपास के जलमग्न इलाकों का जायजा लेने के बाद उन्होंने राहत शिविरों में पीडि़त परिवारों के पास भी गईं। राहत व बचाव को लेकर उन्होंने लोगों की शिकायतें सुनी। इस क्रम में ममता ने पीडि़त परिवार की महिला की गोद से उसके बच्चे को लेकर उसे आदर किया। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि जिस परिवार को जितना राहत की आवश्यकता है, उसे उपलब्ध कराया जाए।

परेशानियों का सबब बनी बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकान

North Bengal flood
North Bengal flood IMAGE CREDIT: Google image

दक्षिण दिनाजपुर. जिले में बाढ से क्षतिग्रस्त मकान लोगों के लिए मुसीबतों का सबब बन गए हैं। मकान नष्ट होने के बाद हजारों परिवार खुले आकाश में दिन बिताने को मजबूर हैं। इनमें अधिकतर लोगों ने सरकार की ओर से तिरपाल सहित अन्य आवश्यक सामग्री मुहैया नहीं कराए जाने का आरोप लगाते हुए इसकी आलोचना की है।

दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट शहर से सटी चकभृगु ग्राम पंचायत के बेलाइन निवासी सविता ङ्क्षसह अपनी तीन संतान व पति के साथ 12 अगस्त से घर द्वार छोडक़र रेलवे स्टेशन पर जीवन बिता रही है। घर में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण वह पूरी तरह नष्ट हो गया।

आश्रय की तलाश में कभी बीडीओ कार्यालय तो कभी डीएम कार्यालय का चक्कर काटने के बावजूद उसे कहीं से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। राज्य सरकार की ओर से दक्षिण दिनाजपुर जिले में भारी बरसात के बाद उत्पन्न हालात को बाढ़ घोषित नहीं करने के बाद क्षतिग्रस्त मकानों के निर्माण के लिए किसी तरह की विशेष सहायता मिलेगी या नहीं, इसको लेकर लोग परेशान हैं।

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