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बिहार, झारखंड के शिक्षकों से कम तनख्वाह पा रहे बंगाल के मास्साब

locationकोलकाताPublished: Oct 22, 2019 05:02:04 pm

Submitted by:

Renu Singh

– वेतन व भत्ते में भी दूसरे राज्यों से पिछड़े- स्कूलों में शिक्षकों के हजारों पद खाली

बिहार, झारखंड के शिक्षकों से कम तनख्वाह पा रहे बंगाल के मास्साब

बिहार, झारखंड के शिक्षकों से कम तनख्वाह पा रहे बंगाल के मास्साब

कोलकाता
देश का भविष्य तैयार करने के वाले शिक्षक राज्य में अभाव व बदहाली के आंसू रो रहे हैं। राज्य के शिक्षक दूसरे राज्यों की तुलना में वेतन व भत्ते के मामले में पीछे हैं। पड़ोसी राज्य बिहार व झारखंड के मुकाबले पश्चिम बंगाल के शिक्षक वेतन में 25 फीसदी व भत्ते में 50 फीसदी पिछड़े हैं। जहां पश्चिम बंगाल में सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों का वेतन 46-48 हजार हैं वहीं बिहार में इसी श्रेणी के शिक्षक 60-62 हजार रुपए के वेतनभोगी हैं।
शिक्षकों के लगातार आंदोलन के बाद हाल में राज्य सरकार ने पश्चिम बंगाल में छठवां वेतन आयोग लागू करने की घोषणा की है। 6वां वेतन आयोग लागू होने के बाद भी भत्ते के मामले में राज्य के शिक्षक दूसरे राज्यों के शिक्षकों के मुकाबले 17 फीसदी पिछड़े रहेंगे।
राज्य में सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, सरकार प्रायोजित स्कूलों की संख्या 1 लाख 35 हजार है।

सेकेन्डरी स्कूलों में हैं 15 हजार पद खाली
बंगीय शिक्षक व शिक्षाकर्मी समिति के सह महासचिव स्वपन मंडल ने बताया कि राज्य में सेकें डरी स्कूलों में लगभग 15 हजार शिक्षक पद खाली हैं। राज्य में पांचवा वेतन आयोग लागू है, वहीं दूसरे राज्यों में सातवां वेतन आयोग के अनुसार शिक्षकों को वेतन मिल रहा है।
कॉलेजों में खाली है हजारों रिक्त पद
राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो राज्य के सरकारी कॉलेजों में स्थायी प्राध्यापकों के 10 हजार पद रिक्त हैं। कॉलेजों में अस्थायी प्राध्यापक पढ़ा रहे हैं। प्रिंसिपल जैसे पदों पर शिक्षक प्रभारी से काम चलाया जा रहा है।
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