राज्य सचिवालय नवान्न में सोमवार को कृषि पर आधारित उच्च स्तरीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य सरकार को हर साल करीब 48,000 करोड़ रुपए बतौर कर्ज का ब्याज चुकाना पड़ता है। सरकार अपने सीमित संसाधनों के तहत अपनी योजनाएं चला रही है।
— क्या है योजना 72 लाख किसानों के अलावा खेत मजदूर समेत कृषि कार्य करने वाले लोगों को मिलाकर करीब एक करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। ममता ने कहा कि किसान परिवार में 18 से 60 साल तक उम्र के किसी की मौत होती है (मौत का कारण चाहे कुछ भी हो) तो सरकार उक्त परिवार को दो लाख रुपए की सहायता राशि देगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने किसानों को सामाजिक गारंटी देने के उ²ेश्य से यह निर्णय किया है।
— फसल बीमा का प्रीमियम देगी सरकार मुख्यमंत्री ने कहा है कि फसल बीमा का प्रीमियम सरकार भरेगी। फसली बीमा योजना में राज्य सरकार 80 रुपए तथा केंद्र सरकार 20 रुपए देती है, पर हैरत इस बात की है कि केंद्र फसल बीमा को अपनी योजना होने का दावा करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार कृषि बीमा के एवज में अब केंद्र से एक रुपया भी नहीं लेगी। किसानों के लिए बीमा का प्रीमियम खुद राज्य सरकार देगी। मुख्यमंत्री ने दूसरी स्कीम के बारे में कहा कि सरकार किसानों को दो अलग-अलग सीजनों खरीफ और रबी के दौरान हर साल प्रति एकड़ की दर से 5000 रुपए का भुगतान करेगी। हर सीजन में 2500 रुपए बतौर सहायता राशि दी जाएगी। किसान हितैषी उक्त योजना देश में पहली है।
— केंद्र पर किया प्रहार मुख्यमंत्री ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर एक बार फिर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राज्यों में घूम घूम कर कहते फिर रहे हैं कि केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी कर देगी। पश्चिम बंगाल में 2018 में ही किसानों की आमदनी तीन गुनी हो गई है। पश्चिम बंगाल सरकार की नीतियां हमेशा से किसान हितैषी रही है। किसानों को पेंशन, किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा देने के अलावा सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की भी व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है।