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West Bengal, JNNRUM Project : जेएनएनआरयूएम के करोड़ों की लागत से बने रिजर्वर, डेढ़ साल में फ्लॉप

locationकोलकाताPublished: Jul 16, 2019 03:29:44 pm

Submitted by:

Jyoti Dubey

– नलों से आ रहा प्रदूिषत जल।- प्यास बुझाने के लिए निर्भर हैं हैंड पम्पों पर।

Kolkata, Kolkata, West Bengal, India

West Bengal, JNNRUM Project : जेएनएनआरयूएम के करोड़ों की लागत से बने रिजर्वर, डेढ़ साल में फ्लॉप

कोलकाता. दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर नगरपालिका अंर्तगत 16 वार्डों में पेयजल के लिए बनाई गई करोड़ों की योजना फ्लॉप हो गई है। नलों से जोंक, केचुए व जलीय कीड़े निकल रहे हैं। लोगों को पेट संबंधी बिमारियों से भी जूझना पड़ता है।

इलाके में पुरातन बाजार व धनबेडिय़ा वॉटर रिजर्वर से पानी वितरित किया जाता है। जिसका स्वाद नमकीन और रंग मटमैला होता है। लोग पानी का इस्तेमाल सिफ नहाने-धोने में करते हैं।

न्यू टाऊन, पुरातन बाजार व धनबेडिय़ा में ३ वॉटर रिजर्वर बनाए गए थे। डेढ़ साल पहले इनसे जलापूर्ति चालू की गई है। तीनों रिजर्वर जवाहरलाल नेहरु अर्बन रिन्युवल मिशन के तहत तैयार किए गए हैं। इसकी लागत 48 करोड़ है। योजना को 2008 में अनुमोदित किया गया था।

स्थानीय लोगों का दावा है कि वे अभी भी हैंड पंप के पानी पर निर्भर रहते हैं।
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– राज्य सरकार कर रही नजरअंदाज
– जल परियोजना का लाभ नहीं मिल रहा है। पानी नमकीन, मटमैला, दुर्गंधयुक्त है। लोग जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान डायमंड हार्बर लोकसभा सीट प्रत्याशी अभिषेक बनर्जी ने लोगों को आश्वासन दिया था कि स्वच्छ पेयजल के लिए 7 टंकियां लगाई जाएंगी। चुनाव के बाद कोई चर्चा नहीं हुई है।(अभिजीत दास, भाजपा जिलाध्यक्ष डायमंड हार्बर)

– काम में अनियमितता बरती गई है। स्थानीय लोगों को आए दिन समस्या होती है। पानी पीने योग्य नहीं आता है। इसके अलावा यांत्रिक त्रुटियां बताकर जलापूर्ति सेवा बंद कर दी जाती है। इलाके के लोग डब्बा बंद पानी पीने लगे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में इस पानी का इस्तेमाल करने वाले लोग बीमार पड़ रहे हैं।
(समर नायर, स्थानीय माकपा नेता)

– डायमंड हार्बर नगरपालिका की ओर से समस्या के समाधान के लिए 8 पम्प लगाने की योजना बनाई गई थी। अक्टूबर 2018 से नगरपालिका का कार्यकाल समाप्त हो जाने से योजना क्रियान्वित नहीं की जा सकी है।

(पूर्व चेयरपर्सन मीरा हलदर, डायमंड हार्बर नगरपालिका)
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– दो दिन पहले संभाला कार्यभार

नगरपालिका का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद नगरपालिका की जिम्मेदारी एसडीओ के अंतर्गत आ गई है। डायमंड हार्बर एसडीओ सुकांत साहा से जब इस मामले पर बात की तो उन्होंने बताया कि दो दिनों पहले ही उन्हें यह कार्यभार सौंपा गया है। उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। समस्या पाए जाने पर लोगों को इससे निजात दिलाने की भी कोशिश होगी।

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