scriptडॉक्टरों के साथ असहिष्णुता नहीं होगी बर्दाश्त – राज्यपाल | Intolerance with doctors will not be tolerated - Governor | Patrika News

डॉक्टरों के साथ असहिष्णुता नहीं होगी बर्दाश्त – राज्यपाल

locationकोलकाताPublished: Oct 22, 2019 04:31:16 pm

Submitted by:

Renu Singh

– मरीज के परिजन भी स्थिति को समझें- डॉक्टरी के युवा छात्रों को राज्यपाल ने दी नसीहत

डॉक्टरों के साथ असहिष्णुता नहीं होगी बर्दाश्त - राज्यपाल

डॉक्टरों के साथ असहिष्णुता नहीं होगी बर्दाश्त – राज्यपाल

कोलकाता

पहला सुख निरोगी काया.. शरीर को निरोग रखने के लिए डॉक्टरों की आवश्यकता है। उनके साथ अच्छे व्यवहार की। राज्य के किसी भी डॉक्टर के साथ असहिष्णुता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर मरीज व डॉक्टर के बीच कोई भी समस्या पैदा होती है तो उसे शांतिपूर्ण रूप से सुलझाया जाए।उसका प्रभाव चिकित्सा स्थल या सेवा पर नहीं पडऩा चाहिए। हमें वृहत्तर रूप में लोगों से अपील करनी चाहिए कि चिकित्सा से जुड़े किसी भी कर्मचारी के साथ कोई विवाद हो तो उसे पूर्व रूप से शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएं। यह व्यापार का पेशा नहीं है। इसके लिए हम सभी प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। युवा चिकित्सकों की संस्था मेडे विजन कोलकाता-२०१९ के सम्मेलन में बीआईटीएम सभागार में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने यह बातें कही। राज्यपाल ने कहा कि डॉक्टरी की डिग्री अर्जित करने में दशक लग जाते हैं। सम्मेलन में स्वास्थ्य सेवा नीति सलाहकार डॉ. विजयाश्री येलिअप्पा, डॉ. मधुछंदा कर, समाजसेवी डॉ गोविंद नायक, मेडे विजन के संयुक्त संयोजक रामू, डेंटल सर्जन अभिषेक हलदार व मेडे विजन के पैट्रन डॉ इंद्रनील खान से वक्तव्य रखा।
डॉ.आशीष मुखोपाध्याय किए गए सम्मानित
सम्मेलन में मेडे विजन की ओर से रियल हीरो का सम्मान राज्यपाल के हाथों नेताजी सुभाष चंद्र बोस कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के चिकित्सा निदेशक डॉ. आशीष मुखर्जी को दिया गया। डॉ. मुखर्जी ने गरिया में कैंसर का एक अस्पताल खोला। यह एक छत के नीचे सर्जरी, रेडियोथेरेपी के साथ-साथ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं। राज्यपाल ने उन्हें सपरिवार राजभवन मेंआने का न्यौता दिया व कहा कि उनके योगदान के सामने हम सब कुछ नहीं है।
बेदाग होती है डॉक्टर की सेवा

पेशे से वकील रहे राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि आप जानते है कि वकील के कोट काले क्यों व डॉक्टर के कोट सफेद क्यों होते हैं। डॉक्टर क ी सेवा बेदाग होती है। इसलिए ईश्वर के बाद डॉक्टर का नाम आता है। आज तक मैने कभी ऐसा डॉक्टर नहीं देखा जिसने मरीज के प्रति करूणा व प्रेम न हो।

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