मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम आयोजित न होने, उसमें उनके शामिल न हो पाने का उन्हें दु:ख है। बुरी ताकतें नहीं चाहती थीं कि शिकागो में रामकृष्ण मिशन इस तरह का कार्यक्रम कराए और बंगाल के लोग उसमें शामिल हों। ममता बनर्जी ने दावा किया कि इन्हीं बुरी ताकतों ने बेलूरमठ व मिशन को कार्यक्रम आयोजित नहीं करने के लिए धमकी भी दी। उन्होंने कहा कि वे बेलूरमठ व मिशन पर किसी भी तरह के कब्जे के प्रयास को सफल होने नहीं देंगी। इससे पूर्व बेलूरमठ व मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मणानंद ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण के १२५ वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत में अपने विचार रखे। बेलूरमठ व मिशन के महासचिव स्वामी सुवीरानंद ने स्वागत भाषण दिया। सह महासचिव स्वामी बलभद्रानंद ने वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रम की जानकारी दी। कोलकाता के ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर ब्रुस बेकनेल ने अपने विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन स्वामी बोधासरानंद ने दिया। समापन गीत स्वामी शिवाधीशनंद ने गाया।
विचारधारा अलग पर भी मेलबंधन
स्वामी विवेकानंद, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस व महात्मा गंाधी का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी महापुरुष अलग अलग विचारधारा के थे, जिसके बावजूद सभी में मेलबंधन था। विवेकानंद ने विश्वभर के लोगों का मन जीता था। शिकागो की एेतिहासिक धर्म सभा में दिए गए भाषण के बाद सारी दुनिया ने उन्हें पहचाना था।
बंगाल महापुरुषों की धरती
बंगाल की धरती सहनशीलता की धरती है। बंगाल ने देश को हमेशा राह दिखाई है क्योंकि यह महापुरुषों की धरती है। यहां किसी को धर्म के बारे में बताने की जरूरत नहीं है। केन्द्र पर सीधे तौर पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कानून सबके लिए समान है।
11.5 करोड़ का अनुदान
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने विवेकानंद यूनिवर्सिटी के विकास के लिए डेढ़ करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। वहीं बेलूर मठ को स्वामी जी शिकागो भाषण के 125 वर्ष पूरा होने पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए 10 करोड़ रुपए का अनुदान का पत्र बेलूर मठ के अध्यक्ष को सांैपा है।