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रक्त जांच की रिपोर्ट में हेपेटाइटीज बी, लोगों ने फैलाया हुआ एड्स

locationकोलकाताPublished: Sep 14, 2018 02:48:06 pm

Submitted by:

Vanita Jharkhandi

– प्रसूता के परिवार की ओर से जताया रोष

kolkata west bengal

रक्त जांच की रिपोर्ट में हेपेटाइटीज बी, लोगों ने फैलाया हुआ एड्स

कोलकाता . उत्तर 24 परगना के बारासात अस्पताल में एक प्रसूता के रक्त की जांच की गई जिसमें उसके हेपेटाइटीज बी होने का पता चला। इसके बाद ही कुछ लोगों ने उसे अस्पताल से चले जाने को कहा साथ ही उसका इलाज भी ढंग से नहीं किया जा रहा था। यह देखकर आस-पास के मरीजों व अस्पताल के कर्मियों को लगा कि प्रसूता को एड्स है। ऐसा चारों होते रहने से घरवाले परेशान हो गए। बाद में गलती कु सुधारते हुए खुद अधीक्षक पहुंचे और इलाज किया। सूत्रों के अनुसार रविवार को टुम्पा शाहा (38) प्रसव पीड़ा लेकर अस्पताल में पहुंची थी। उसके रक्त का नमूना संग्रह जांच के लिया था। रिपोर्ट आने पर पता चला कि टुम्पा शाहा को हेपेटाइटिज बी से पीडि़त है। टुम्पा का आरोप है कि जैसे ही रिपोर्ट आई वैसे ही सभी के व्यवहार में बदलाव आ गया। डाक्टरों ने चिकित्सा करना छोड़ दिया। इसके बाद सभी को लगा कि कुछ बड़ी बीमारी होगी नहीं तो मरीज को अस्पताल से जाने की कहता। सभी को लगा कि महिला को एड्स है। अस्पताल में हर कही उसी बात की चर्चा होने लगी। इससे घरवालों को मानसिक रूप से परेशानी से गुजरना पड़ा। बाद में इसकी जानकारी अधीक्षक सुब्रत मण्डल ने बताया कि पता नहीं किसने ऐसी हरकत की है। हेपेटाइटिज बी बीमारी छुआछुत की नहीं है। इससे डरने की भी जरूरत नहीं है। बाद में कुछ डॉ. मण्डल ने मरीज का इलाज किया। टुम्पा ने एक बच्चे को जन्म दिया है। मां और बेटे को विशेष निगरानी में रखा गया है।

 

दो निजी अस्पतालों पर ठोका रेगुलेटरी कमिशन ने जुर्माना

– एक को 15 हजार और दूसरे को 5 लाख रुपए भरने पड़ेंगे

कोलकाता . चिकित्सा के दौरान लापरवाही करने के आरोप में वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट रेगुलेटरी कमिशन ने राज्य के दो निजी अस्पतालों पर जुर्माना लगाया है। इसमें से एक कोलकाता में और दूसरा कल्याणी इलाके में है। इनके खिलाफ गत वर्ष शिकायत की गई थी। सूत्रों के अनुसार ईएमबाई पास स्थित निजि अस्पताल पर आरोप था कि एक महिला के श्वासनली में अन्न फंसने के कारण अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था, जहां उसका मानसिक इलाज किया गया। साथ ही दवा भी खिलाई गई। जबकि वह मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ है। अस्पताल को 15 हजार रुपए का जुर्माना भरने को कहा गया है। दूसरा मामला कल्याणी का है। आरोप है कि प्रसव के बाद डॉक्टर ने महिला का इलाज ही नहीं किया। अस्पताल में रात के आठ बजे के बाद कोई आरएमओ भी नहीं था। जिसके कारण दूसरे दिन प्रसूता की मौत हो गई। इस अस्पताल को पांच लाख रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है।

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