सुबह १०.३० बजे लोगो ने गोदाम से धुआं निकलते दिखा। थोड़े ही देर में ऊंची ऊंची लपटें निकलने लगी। गोदाम में एक के बाद विस्फोट होने लगे। गोदाम में लगभग १८ टन रासायनिक पदार्थ और पटाखे बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले पाउडर थे। पानी के सम्पर्क में आने से ये और जलने लगे। दमकलकर्मियों ने फोम और बालू का इस्तेमाल कर आग बुझाने की कोशिश की। ६ घंटे से ज्यादा समय के बाद आग पर आंशिक रूप से काबू पाया गया। दमकल अधिकारियों ने बताया कि गोदाम में अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। भयावह आग को बुझाने में कुछ दमकल कर्मी झुलस गए। विस्फोट के बाद आग की लपटों से बचने में एक दमकल कर्मी गिर गया। उसे चोट लग गई। (कासं)
अग्निकांड की जांच होगी : मंत्री
लगभग डेढ़ बजे मौके पर पहुंचे मेयर व दमकल मंत्री शोभन चटर्जी ने कहा कि इस भयावह अग्निकांड की जांच होगी। गोदाम में कितना रासायन था। बारूद क्यों रखा था। गोदाम में अग्निशमन व्यवस्था थी या नहीं? इसका भी पता लगाया जा रहा है। इसकी जांच का आदेश दिया गया है। अगर गोदाम मालिक दोषी पाया गया तो तो उसके खिलाफ कड़ी कारवाई होगी।
गोदाम पर था अवैध कब्जा: केपीटी
कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट ने दावा किया है कि रासायनिक गोदाम पर अवैध ढंग से कब्जा किया गया था। पोर्ट ट्रस्ट का कहना है कि १ जनवरी १९७१ को उक्त जमीन (९३६३.७९ वर्ग मीटर) को ३० वर्ष के लिए लीज पर एम/एस जालान इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड को वेयरहाउस बनाने के लिए दिया गया था। लीज की मियाद पूरी होने से पहले ही अवैध ढंग से लीज एम/एस स्वर्णरेखा एग्रीकल्चर इस्टेट को हस्तांतरित कर दिया गया था। अवैध लीज हस्तांतरण और किराये का भुगतान नहीं किए जाने के कारण केपीटी के चेयरमैन विनित कुमार ने लीज को र² करने एवं आग की घटना की जांच करने का निर्देश दिया है।