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बंगाल के मंत्रियों की दुर्गापूजा प्रतियोगिता पर छिड़ी बहस

locationकोलकाताPublished: Oct 21, 2018 04:11:28 pm

Submitted by:

Prabhat Kumar Gupta

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से हर साल दुर्गापूजा को लेकर राज्य के मंत्रियों के बीच प्रतियोगिता होती है। साज-सजावट और आकर्षक प्रतिमा से एक दूसरे को मात देने की इनमें होड़ सी लगी रहती है। इस साल भी थीम और प्राचीन परम्परा के बीच हुए पूजा के आयोजन पर जोरदार बहस छिड़ गई है।

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बंगाल के मंत्रियों की दुर्गापूजा प्रतियोगिता पर छिड़ी बहस



-एकडलिया एवरग्रीन की पूजा पर तीन मंत्रियों ने किया कटाक्ष
कोलकाता.

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से हर साल दुर्गापूजा को लेकर राज्य के मंत्रियों के बीच प्रतियोगिता होती है। साज-सजावट और आकर्षक प्रतिमा से एक दूसरे को मात देने की इनमें होड़ सी लगी रहती है। इस साल भी थीम और प्राचीन परम्परा के बीच हुए पूजा के आयोजन पर जोरदार बहस छिड़ गई है। राज्य के पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी के सान्निध्य में प्राचीन परम्परा के तहत आयोजित एकडलिया एवरग्रीन की पूजा पर तीन अन्य मंत्रियों (शिक्षा मंत्री डॉ. पार्थ चटर्जी, क्रीड़ा व युवा मामलों के मंत्री अरूप विश्वास और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम) ने थीम पूजा का समर्थन करते हुए मुखर्जी पर कटाक्ष किया है। जबकि मुखर्जी ने दुर्गापूजा का वाणिज्यिकरण का विरोध करते हुए उन पर पलटवार किया है। कॉरपोरेट हाउस के पास दुर्गापूजा को गिरवी नहीं-पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री मुखर्जी ने अपने सहयोगी मंत्रियों का नाम लिए बिना कहा कि वे लोग भी काफी धूमधाम से पूजा का आयोजन करते हैं। जिसे हम दुर्गापूजा नहीं बल्कि दुर्गोत्सव मानते हैं। हमारे और उनके पूजा में यही मूल अंतर है। सुब्रत ने कहा कि कॉरपोरेट हाउसों की इच्छानुसार पूजा का आयोजन उचित नहीं। मां दुर्गा को लेकर सब कुछ नहीं किया जा सकता। चंडी की आराधना में किसी भी रूप में खिलवाड़ उचित नहीं। ऐसा करना दुर्गापूजा को गिरवी रखने के समान है। मां चंडी की आराधना प्राचीन काल की परम्परा के तहत ही होनी चाहिए। इधर, शिक्षा मंत्री डॉ. चटर्जी ने सुब्रत को बाटानगर इलाके में दुर्गापूजा करने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि बालीगंज इलाके में एकडलिया एवरग्रीन क्लब की पूजा में भीड़ होने का मुख्य कारण यह कि इसके करीब हिन्दुस्तान पार्क, सिंघी पार्क, त्रिधारा सम्मिलनी, फाल्गुनी संघ, बालीगंज कल्चरल तथा सुरुचि संघ, चेतला अग्रणी संघ जैसे कई मशहूर पूजा पंडाल हैं। इतना ही है तब सुब्रत बाटानगर में दुर्गापूजा कर लोगों की भीड़ जुटा कर दिखाएं। नाकतला उदयन संघ की पूजा देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। लोग थीम और साज-सजावट देखना पसंद करते हैं। दुर्गापूजा का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी है। इसे नकारा नहीं जा सकता। इसलिए बदलते समय में थीम पूजा की आवश्यकता है। दूसरी ओर, राज्य के क्रीड़ा व युवा मामलों के मंत्री विश्वास ने कहा कि मातृ वंदना में वे सौ फीसदी सफल हैं। दुर्गापूजा के जरिए राज्य की हस्तकला को प्रोत्साहित करना उनका उद्देश्य है। जबकि शहरी विकास मंत्री हकीम ने कहा कि दुर्गापूजा बंगाल की भावनाओं का उत्सव है। जहां सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग शामिल होते हैं। बंगाल की कला और संस्कृति को दर्शाने का अच्छा अवसर मिलता है। पंचायत मंत्री के संदर्भ में हकीम ने कहा कि एकडलिया एवरग्रीन की पूजा देखने केवल स्थानीय लोग ही जाते हैं। पर हम थीम और साज सजावट के बल पर लोगों को आकर्षित करते हैं।
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