पश्चिम बंगाल में समझौते पर फारवर्ड ब्लाक-आरएसपी का रूख
कोलकाताPublished: Feb 15, 2019 03:39:56 pm
लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामदलों के बीच सीटों पर समझौता करने के मुद्दे पर बातचीत का सिलसिला प्राथमिक स्तर पर है। किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले ही माकपा नीत वाममोर्चा के घटक दलों के बीच मतांतर स्पष्ट होने लगा है।
पश्चिम बंगाल में समझौते पर फारवर्ड ब्लाक-आरएसपी का रूख
– कांग्रेस से समझौता के मुद्दे पर वामो में मतांतर
– लाभ-नुकसान पर उठ रहे सवाल
कोलकाता.
लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामदलों के बीच सीटों पर समझौता करने के मुद्दे पर बातचीत का सिलसिला प्राथमिक स्तर पर है। किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले ही माकपा नीत वाममोर्चा के घटक दलों के बीच मतांतर स्पष्ट होने लगा है। मोर्चा में इस मुद्दे पर चल रही चर्चा की प्रक्रिया में आरएसपी और फारवर्ड ब्लॉक चुनावों में कांग्रेस के साथ सीटों पर समझौता करने से वाम दलों को लाभ और नुकसान पर सवाल उठा रहा है। इन दलों का कहना है कि 2016 के विस चुनाव में वामदलों का वोट कांग्रेस के पक्ष में पड़ा पर कांग्रेस का वोट वामदलों के पक्ष में नहीं आया बल्कि तृणमूल के पक्ष में चला गया। विधानसभा में कांग्रेस की ना केवल सीटें बढ़ी बल्कि विपक्षी दल का मर्यादा भी मिला। वहीं मोर्चा राज्य में अधिकांश सीटों पर तीसरे नंबर पर चली गई। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के साथ सीटों पर समझौते के मुद्दे पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच दिल्ली में बैठक के बाद पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का वामदलों के साथ तालमेल की संभावनाएं बढ़ गई है। यही नहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा और विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान की गांधी के साथ बैठक के बाद सोमेन ने स्पष्ट कर दिया कि बंगाल में हम किसी भी हालत में तृणमूल से तालमेल नहीं करेंगे। दिल्ली से कोलकाता लौटने के पश्चात् सोमेन ने कहा कि वामदलों के साथ सीटों पर तालमेल को लेकर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। इस संदर्भ में अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान को ही लेना है। प्रदेश कांग्रेस के रूख के मद्देनजर वाममोर्चा के घटक दलों के बीच चर्चा का दौर शुरू हो गया है। वाममोर्चा चेयरमैन बोस ने बताया कि राज्य के सभी 42 संसदीय सीटों के आधार पर मोर्चा के घटक दलों के साथ चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ वोटों को एकजुट करना है। जबकि राज्य में उनका प्रयास भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ मतों को एकजुट करना प्राथमिकता है। बोस ने बुधवार को नर्ई दिल्ली में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की लामबंदी को महज दिखावा करार दिया है। उन्होंने कहा कि मोर्चा में शामिल दलों के नेताओं से विस्तारपूर्वक चर्चा के बाद माकपा किसी नतीजे पर पहुंचेगी।