कोलकाता
सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैकों के साथ विलय होने के क्रम में देना बैंक एकीकरण करने के लिए अपनी आंतरिक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर रहा है। बैंक को दिसंबर तक उक्त रिपोर्ट तैयार होने और एकीकरण की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है और बैंक ने अपने किसी भी शाखा के बंद होने को खारिज कर दिया। इसके साथ ही देना बैंक ने चालू वित्त वर्ष के अंतिम महीना मार्च तक अपना एनपीए घटा कर 6000 करोड़ करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे एकीकरण में बैंक को सहूलियत होगी। देना बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कर्नाम सेकर ने कहा कि देना बैंक ने आंतरिक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि चार से पांच सप्ताह यानि दिसंबर के मध्य या अंत तक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। दो अन्य बैंक भी अपनी आंतरिक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। वे देना बैंक के 14 वां क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा करने के लिए कोलकाता आए हुए थे। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को भारतीय स्टेट बैंक में विलय करने का फैसला किया है। इसके लिए देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं का एकीकरण किया जाएगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैकों के साथ विलय होने के क्रम में देना बैंक एकीकरण करने के लिए अपनी आंतरिक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर रहा है। बैंक को दिसंबर तक उक्त रिपोर्ट तैयार होने और एकीकरण की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है और बैंक ने अपने किसी भी शाखा के बंद होने को खारिज कर दिया। इसके साथ ही देना बैंक ने चालू वित्त वर्ष के अंतिम महीना मार्च तक अपना एनपीए घटा कर 6000 करोड़ करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे एकीकरण में बैंक को सहूलियत होगी। देना बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कर्नाम सेकर ने कहा कि देना बैंक ने आंतरिक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि चार से पांच सप्ताह यानि दिसंबर के मध्य या अंत तक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। दो अन्य बैंक भी अपनी आंतरिक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। वे देना बैंक के 14 वां क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा करने के लिए कोलकाता आए हुए थे। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को भारतीय स्टेट बैंक में विलय करने का फैसला किया है। इसके लिए देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं का एकीकरण किया जाएगा।
सेकर ने दावा किया कि तीनों बैंकों के एकीकरण करने के लिए किसी भी बैंक की कोई भी शाखा बंद नहीं किया जाएगा। इनका स्थान बदल सकता है। उनकी बैंक शाखाओं के नेटवर्क के आधार पर उनका एकीकरण किया जाएगा, जिस क्षेत्र में जिस बैंक की शाखा का नेटवर्क अच्छा होगा उस क्षेत्र में उस बैंक की उक्त शाखा रहेगी और बाकी दो बैंकों की शाखाओं को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कर्मियों की छंटनी से भी इनकार कर दिया। कर्नाम सेकर ने कहा कि देना बैंक ने अपना एनपीए कम करने का भी अभियान शुरू किया है। वित्त वर्ष 2018-19 के अंत तक मार्च महीने तक एनपीए घटा कर 6000 करोड़ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी बैंक का एनपीए 16000 करोड़ रुपए है।
उन्होंने कहा कि अगले साल के प्रारंभ में देना बैंक को 2000 करोड़ रुपए पूंजी की आवश्यकता है। लेकिन विलय होने के कारण हम समीक्षा नहीं करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि अगले साल के प्रारंभ में देना बैंक को 2000 करोड़ रुपए पूंजी की आवश्यकता है। लेकिन विलय होने के कारण हम समीक्षा नहीं करना चाहते हैं।