शुक्रवार को प्रतिमा दत्त ने अदालत में जमानत की अर्जी दायर की थी। अदालत ने अर्जी खारिज कर दी थी। शनिवार सुबह निश्चिंदा थाने की पुलिस ने घर से प्रतिमा दत्त को गिरफ्तार कर लिया। प्रतिमा को हावड़ा जिला अदालत में पेश किया गया। अदालत ने ५ दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस पर लगाया आरोप
प्रतिमा का आरोप है कि राजनैतिक दबाव के तहत पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है। पति की हत्या का मामला वे सुप्रीम कोर्ट तक ले गई हैं इसलिए सत्तारूढ़ दल से संबंध रखने वाले आरोपी उन पर भडक़े हुए हैं। उन्हें झूठे मामले मे फंसाया जा रहा है। प्रतिमा की पुत्री ने कहा कि उसके पिता के हत्यारे सात साल से बाहर घूम रहे हैं। पुलिस उन्हें नहीं गिरफ्तार कर झूठे मामले में उसकी मां को गिरफ्तार कर रही है।
क्या है मामला
तपन दत्त की हत्या 6 मई 2011 को हुई थी। कुछ लोग 750 एकड़ के वेटलैण्ड को भर रहे थे। इसके विरोध को लेकर तपन दत्त की हत्या कर दी थी। ३० अगस्त 2011 को सीआईडी ने एक मंत्री समेत 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। 2012 के जून महीने में सीआईडी ने पूरक आरोप पत्र दाखिल कर आरोपी मंत्री और कुछ का नाम आरोप पत्र से निकाल दिया। प्रतिमा दत्त ने सीआईडी के पूरक आरोप पत्र को हाईकोर्ट में इसको चुनौती दी है। इधर पति की मौत के बाद प्रतिमा कांग्रेस में शामिल हो गई हैं।
सीजेएम के इजलास मे बीमार पड़ी प्रतिमा
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रतिमा दत्त को हावड़ा के सीजेएम की अदालत मे पेश किया गया। अदालत की कार्रवाही शुरू होते ही प्रतिमा इजलास में बेहोश हो गई। सीजेएम ने तुरंत प्रतिमा को अस्पताल पहुंचाने को कहा। आनन-फानन में एम्बुलेंस से उन्हें हावड़ा जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां कुछ देर के इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें स्वस्थ बताया। इसके बाद दुबारा उन्हें अदालत में पेश किया गया। फिर सीजेएम ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।