कोलकाता रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी भारती घोष के मामले में सीआईडी आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी में है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो मंगलवार को सीआईडी मंगलवार को घटाल अदालत में आरोप पत्र दाखिल करेगी। मामल में अब तक भारती घोष के फ्लैट के केयरटेकर समेत छह जने को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। भारती घोष और उनका पूर्व अंगरक्षक सुजीत मंडल दोनों फरार है। उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी है। पश्चिम मिदनापुर जिले के घटाल इलाके के चंदन माझी नामक एक व्यवसायी ने कुछ पुलिस वालों के खिलाफ नोटबंदी के समय अभियान चलाकर सोना हड़पने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। हालांकि एफआईआर में भारती घोष एवं सुजीत मंडल का नाम नहीं था। मामले में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने भारती घोष और सुजीत मंडल का नाम शामिल किया है। मामले की जांच के लिए सीआईडी ने एक विशेष टीम का गठन किया है। भारती घोष के फ्लैट, उनके करीबी पुलिस वाले एवं परिचितों के घर समेत विभिन्न जगहों पर छापेमारी कर सीआईडी की टीम ने लगभग दो किलोग्राम वज के सोने के जेवरात, लगभग ३ करोड़ नकदी एवं बड़ी संख्या में शराब की बोतलें जब्त की हंै। भारती घोष और उनका पूर्व अंगरक्षक सुजीत मंडल दोनों फरार है। दोनों को गिरफ्तार करने के लिए सीआईडी की टीम बंगाल समेत कई राज्यों में छापेमारी कर चुकी है। हालांकि अभी तक सीआईडी को उनके बारे में कोई सुराग नहीं मिला है। इस बीच कई बार गुप्त स्थान ने ऑडियो-वीडियो जारी कर भारती घोष उक्त तमाम आरोप को खारिज कर चुकी हैं। भारती घोष का कहना है कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। एक समय भारती घोष मुख्यमंत्री
ममता बनर्जी की सबसे चहेती आईपीएस अधिकारी थीं। सबंग विधानसभा के उपचुनाव के परिणाम आने के बाद भारती घोष सरकार की आंख की किरकिरी बन गईं। भारती घोष का पश्चिम मिदनापुर जिले के पुलिस अधीक्षक के पद से तबादला कर दिया गया था। इसके बाद भारती घोष ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।