आर्थिक अनियमितता पर सख्त हुईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
कोलकाताPublished: Oct 21, 2018 03:44:21 pm
पश्चिम बंगाल सरकार पर उत्सवों और मेलों के आयोजन में सरकारी खजाने का दुरुपयोग करने का भले ही आरोप लग रहे हों पर आर्थिक अनियमितता पर अंकुश लगाने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सख्ती दिखा रही हैं।
आर्थिक अनियमितता पर सख्त हुईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
– समस्त विभागों से मांगा लेखा जोखा
कोलकाता.
पश्चिम बंगाल सरकार पर उत्सवों और मेलों के आयोजन में सरकारी खजाने का दुरुपयोग करने का भले ही आरोप लग रहे हों पर आर्थिक अनियमितता पर अंकुश लगाने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सख्ती दिखा रही हैं। उन्होंने समस्त विभागों से अकाउंट और लेखा जोखा पेश करने का निर्देश वित्त विभाग को दिया है। माना जा रहा है कि दुर्गापूजा की छुट्टी के बाद वह समस्त विभागों के हिसाब किताब की समीक्षा करने के मूड में हैं। राज्य के वित्त सचिव एच.के. द्विवेदी ने हाल ही में इस संदर्भ में एक निर्देश जारी किया है। जिसमें राज्य सरकार के समस्त विभागों के अलावा स्वशासित संस्थानों (ऑटोनोमस बॉडी) के बैंक खाते और मियादी जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) का विस्तृत ब्यौरा मांगा गया है। विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव एवं विभागीय सचिवों को इस दिशा में पहल करने की हिदायत दी गई है। वित्त सचिव द्विवेदी के अनुसार वित्तीय प्रशासन को दुरुस्त करने के उद्देश्य से सरकार यह कदम उठाने जा रही है। उन्होंने कहा कि कई ऐसे विभाग हैं जिनके नाम से विभिन्न बैंकों में जमा खाता के अलावा मियादी बचत के तहत मोटी रकम जमा है। सरकार के सालाना बजट से इसका कोई सरोकार नहीं होता। उल्लेखनीय है कि वित्त विभाग को समस्त विभागों की ओर से लौटाए गए अव्यहृत करीब 800 करोड़ की राशि प्राप्त हुई थी। विभागों में मची अफरा तफरी-आर्थिक ब्यौरा मांगे जाने संबंधी वित्त विभाग के निर्देशों से विभागों में अफरा तफरी मची हुई है। संबंधित विभाग के अधिकारी अपटूडेट बैंक खाता विवरण तैयार करने की कवायद में लगे हुए हैं। विभागों के अधिकारी इस बात से चिंतित दिख रहे हैं कि अतीत में मिली आर्थिक आजादी पर अंकुश लगने की प्रबल संभावना है। अधिकारी मान रहे हैं कि विभागों के खर्च और बैंक अकाउंट पर मुख्यमंत्री सचिवालय (सीएमओ) का सीधा हस्तक्षेप की दिशा में पहला कदम है। इससे पहले कभी भी विभागों के बैंक खाते तथा मियादी जमा राशि पर सवाल नहीं उठा।समस्त विभागों की होगी आर्थिक समीक्षा-वित्त सचिव के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री समस्त विभागों की आर्थिक समीक्षा करेंगी। अगले वित्त वर्ष (2019-20) का सालाना बजट का मसौदा तैयार होने से पहले इस प्रक्रिया को पूरा करने की उम्मीद बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेन्ट सिस्टम (आईएफएमएस) के तहत समस्त विभागों को आर्थिक रूप से दुरुस्त करना चाह रही हैं।