महंगाई भत्ता पर सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज
कोलकाताPublished: Mar 07, 2019 10:30:25 pm
राज्य सरकार की ओर से हाईकोट के पिछले 31 अगस्त के फैसला पर पुनर्विचार करने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी
महंगाई भत्ता पर सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज
कोलकाता महंगाई भत्ते के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार को एक बार फिर कलकत्ता हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया कि महंगाई भत्ता पाना राज्य सरकार के कर्मचारियों का कानूनी अधिकार है। 31 अगस्त, 2018 को न्यायाधीश देवाशीष करगुप्ता तथा न्यायाधीश शेखर बॉबी सर्राफ की खंडपीठ ने कांग्रेस समर्थित राज्य सरकार के कर्मचारियों के संगठन की याचिका को मान्यता देते हुए कहा था कि महंगाई भत्ता पाना सरकारी कर्मचारियों का कानूनी अधिकार है। उस वक्त अदालत ने कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता मिलेगा या अन्य राज्यों के कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता होगा, इसका फैसला राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सैट) करेगा। सैट में इस विषय पर सुनवाई भी हो चुकी है। राज्य सरकार की ओर से हाईकोट के पिछले 31 अगस्त के फैसला पर पुनर्विचार करने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। जिस पर लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 31 अगस्त के फैसले को ही बहाल रखा और सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। महंगाई भत्ता देने को लेकर ममता सरकार के साथ कर्मचारियों का लंबे समय से मनमुटाव चल रहा है। कर्मचारी संगठन की शिकायत है कि राज्य सरकार के जो कर्मचारी चेन्नई या दिल्ली में कार्यरत हैं उन्हें 125 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता दिया जाता है जबकि यहाँ के कर्मचारियों को 75 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिलता है। संगठन ने महंगाई भत्ता बकाया होने की बात भी कही थी और केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता दिलाने का अनुरोध किया था। संगठन ने सबसे पहले सैट की शरण ली थी। पर सैट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि महंगाई भत्ता देना राज्य सरकार की दया पर निर्भर है। कर्मचारी इसके लिए दावा नहीं ठोंक सकते। इसी निर्देश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। 31 अगस्त को हाईकोर्ट ने सैट के आदेश को खारिज करते हुए महंगाई भत्ता को कर्मचारियों का कानूनी हक बताया था। गुरुवार को उसी आदेश को बहाल रखते हुए अदालत ने राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। कर्मचारियों को किस दर महंगाई भत्ता मिलना चाहिए, इसपर 13 मार्च को सैट अपना फैसला सुना सकता है।