माइक बजाने को लेकर बढ़ी बात पाथरघाटा ग्राम पंचायत क्षेत्र में हजारों साल पुराना राधा कृष्ण का मंदिर है। वहां हर साल तीन दिवसीय कीर्तन का आयोजन किया जाता है। बुधवार को यह कीर्तन शुरू हुआ था और शुक्रवार शाम को खत्म होना है, लेकिन आरोप है कि बुधवार शाम बड़ी संख्या में पुलिस की टीम कीर्तन स्थल पर पहुंची और अष्टयाम के लिए लगाए गए माइक को तुरंत बंद करने के लिए कही। पुलिस का कहना था कि माध्यमिक परीक्षा चल रही है और माइक बजाकर कीर्तन नहीं किया जा सकेगा। इसको लेकर पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच बहस हुई। लोगों ने पुलिस के आदेश को मान भी लिया और माइक को बंद कर दिया। लोग बैठकर बिना माइक के ही कीर्तन के लिए तैयार हुए, लेकिन पुलिस ने उतना भी नहीं करने दिया और कहा कि बिना माइक का भी कीर्तन नहीं करने दिया जाएगा। जो लोग कीर्तन करेंगे उन्हें पकड़ कर थाने में ले जाया जाएगा। फिर पुलिस ने श्रद्धालुओं के साथ मारपीट शुरू कर दी।
मंदिर में तोडफ़ोड़ का भी आरोप स्थानीय लोगों ने पुलिस पर मंदिर परिसर में घुसकर तोडफ़ोड़ करने का भी आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस ने आरोप को झूठा बताया है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि माइक बजाने से मना करने पर संकीर्तन करने वालों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था। आत्मरक्षार्थ पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा। मंदिर में तोडफ़ोड़ की बात गलत है।
—- हजारों साल पुरानी परंपरा है, नहीं छोड़ेंगे स्थानीय लोगों का कहना है कि राधा-कृष्ण मंदिर में संकीर्तन की परंपरा हजारों सालों से चली आ रही है और इसे नहीं तोड़ा जा सकता है। तजिया, ईद या कोई भी अन्य अल्पसंख्यक त्यौहार हो तो राज्य सरकार उसे सफल कराने में जुट जाती है। यहां हमारी हजारों साल पुरानी पूजा की परंपरा को रोकने के लिए पूरे पुलिस बल को लगा दिया गया है। आरोप है कि विधाननगर नगर निगम के मेयर सब्यसाची दत्त के कहने पर पुलिस ने ऐसा किया था।
—- इनका कहना है मामले की जांच की जा रही है। अगर घटना के लिए पुलिस वाले दोषी पाए जाएंगे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रनेन्द्रनाथ बंद्योपाध्याय, डीसी, एयरपोर्ट क्षेत्र