scriptपश्चिम बंगाल: राधा-कृष्ण मंदिर में संकीर्तन रोकने से भडक़े लोग | Bengal: people stirred by stopping shrines in Radha-Krishna temple | Patrika News

पश्चिम बंगाल: राधा-कृष्ण मंदिर में संकीर्तन रोकने से भडक़े लोग

locationकोलकाताPublished: Feb 14, 2019 10:08:03 pm

-पुलिस के साथ हुई झड़प-जगह-जगह सडक़ अवरोध और आगजनी
-पुलिस पर ज्यादती का आरोप

kolkata West Bengal

पश्चिम बंगाल: राधा-कृष्ण मंदिर में संकीर्तन रोकने से भडक़े लोग

कोलकाता

पश्चिम बंगाल में हजारों साल पुरानी राधा कृष्ण की पूजा की परंपरा को जबरदस्ती रोकने का आरोप राज्य प्रशासन पर लगा है। यही नहीं, पूजा करने वालों को मारने-पीटने की घटना भी सामने आई है। यह घटना कोलकाता से सटे न्यूटाउन थाना इलाके के पाथरघाटा ग्राम पंचायत क्षेत्र की है। पुलिस की ज्यादती के खिलाफ लोगों में गुस्सा भडक़ उठा है। बुधवार देर रात को लोगों ने जगह-जगह सडक़ अवरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया है। पुलिस के प्रति लोगों में भारी गुस्सा है। लोगों ने गुरुवार को विधायक सव्यसाची दत्त का घेराव किया और विरोध जताया। गुरुवार सुबह तक पूरे इलाके में तनाव की स्थिति थी। लोगों ने टायर जलाकर सडक़ों पर रख दिया था। किसी भी गाड़ी अथवा जनप्रतिनिधि को गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है। भडक़े लोगों के हमले में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस के कुछ वाहनों में तोडफ़ोड़ कर आग भी लगा दी गई है। हालात को देखते हुए पूरे इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है। आला पुलिस अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। हालांकि संकीर्तन जारी है।
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माइक बजाने को लेकर बढ़ी बात

पाथरघाटा ग्राम पंचायत क्षेत्र में हजारों साल पुराना राधा कृष्ण का मंदिर है। वहां हर साल तीन दिवसीय कीर्तन का आयोजन किया जाता है। बुधवार को यह कीर्तन शुरू हुआ था और शुक्रवार शाम को खत्म होना है, लेकिन आरोप है कि बुधवार शाम बड़ी संख्या में पुलिस की टीम कीर्तन स्थल पर पहुंची और अष्टयाम के लिए लगाए गए माइक को तुरंत बंद करने के लिए कही। पुलिस का कहना था कि माध्यमिक परीक्षा चल रही है और माइक बजाकर कीर्तन नहीं किया जा सकेगा। इसको लेकर पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच बहस हुई। लोगों ने पुलिस के आदेश को मान भी लिया और माइक को बंद कर दिया। लोग बैठकर बिना माइक के ही कीर्तन के लिए तैयार हुए, लेकिन पुलिस ने उतना भी नहीं करने दिया और कहा कि बिना माइक का भी कीर्तन नहीं करने दिया जाएगा। जो लोग कीर्तन करेंगे उन्हें पकड़ कर थाने में ले जाया जाएगा। फिर पुलिस ने श्रद्धालुओं के साथ मारपीट शुरू कर दी।
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मंदिर में तोडफ़ोड़ का भी आरोप

स्थानीय लोगों ने पुलिस पर मंदिर परिसर में घुसकर तोडफ़ोड़ करने का भी आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस ने आरोप को झूठा बताया है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि माइक बजाने से मना करने पर संकीर्तन करने वालों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था। आत्मरक्षार्थ पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा। मंदिर में तोडफ़ोड़ की बात गलत है।
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हजारों साल पुरानी परंपरा है, नहीं छोड़ेंगे

स्थानीय लोगों का कहना है कि राधा-कृष्ण मंदिर में संकीर्तन की परंपरा हजारों सालों से चली आ रही है और इसे नहीं तोड़ा जा सकता है। तजिया, ईद या कोई भी अन्य अल्पसंख्यक त्यौहार हो तो राज्य सरकार उसे सफल कराने में जुट जाती है। यहां हमारी हजारों साल पुरानी पूजा की परंपरा को रोकने के लिए पूरे पुलिस बल को लगा दिया गया है। आरोप है कि विधाननगर नगर निगम के मेयर सब्यसाची दत्त के कहने पर पुलिस ने ऐसा किया था।
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इनका कहना है

मामले की जांच की जा रही है। अगर घटना के लिए पुलिस वाले दोषी पाए जाएंगे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

रनेन्द्रनाथ बंद्योपाध्याय, डीसी, एयरपोर्ट क्षेत्र
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